पेयजल किल्लत से परेशान महिलाओं खाली बर्तनो के साथ दिया धरना , तीनकिलोमीटर से लाना पड़ता है पानी

पेयजल किल्लत से परेशान महिलाओं खाली बर्तनो के साथ दिया धरना , तीनकिलोमीटर से लाना पड़ता है पानी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 28-02-2021
 
एक तरफ तो सरकार जल जीवन मिशन के तहत हर घर को स्वच्छ पेयजल देने की बात करती है , दूसरी और जिला सिरमौर के शिलाई विधानसभा की ग्राम पंचायत डाहर के ग्रामीण पानी की बूंद बूंद को तरस रहे है।
 
आलम यह है की ग्रामीणों को कातिब तीन किलोमीटर से पानी ढो कर लाना पड़ता है। कई वर्षों से पीने के पानी की बूंद के लिए तरस रही ग्राम पंचायत डाहर की मौराच बस्ती की महिलाओं के सब्र का बांध रविवार को टूट गया और ग्रामीण महिलाओं ने सरकार और आईपीएच विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
 
बस्ती की दर्जनों महिलाएं  महिला मंडल प्रधान अनिता सूर्यवंशी की अगुवाई में दोपहर 12 बजे खाली बाल्टियां लेकर सड़को पर पहुंच गई और आईपीएच विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आरोप लगाए की उनकी बस्ती समेत 150 परिवारों के लिए 2010 - 2011 में सुईंधार उठाऊ नाम की एक उठाऊँ पेयजल योजना बनी है।
 
यह पेयजल योजना जुलाई 2019 से पूरी तरह से ठप है। पेयजल योजना के ठप होने से मौराच बस्ती के 50 से अधिक परिवारों को पीने की पानी की जहां बूंद बूंद के लिए तरस रहे है वही अन्य पांच से छह गांव के लगभग 100 से अधिक परिवारों को भी पेयजल की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
 
महिला मंडल प्रधान अनिता सूर्यवंशी ने बताया कि गांव की महिलाओं को सुबह 4 बजे उठ कर बस्ती से करीब तीन किलोमीटर नीचे उतर कर पानी लेने के लिए खड्ड में जाना पड़ता है। खड्ड में भी पानी इतना कम है कि दिनभर 25 से 30 महिलाए ही पानी भर सकती है।
 
पानी भरने के 3 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़ कर पानी घर पहुचना पड़ता है। उन्होंने कहा की अगर सरकार ने समय रहते उनकी पेयजल समस्या का समाधान नहीं किया तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।