प्राइवेट बसाें के बाद अब कम रूटाें पर ही चलेंगी एचआरटीसी की बसें 

प्राइवेट बसाें के बाद अब कम रूटाें पर ही चलेंगी एचआरटीसी की बसें 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   08-06-2020

प्राइवेट बसाें के बाद अब एचआरटीसी की बसें भी कम रूटाें पर ही चलेंगी। एचआरटीसी ने निर्णय लिया है कि जिन रूटाें पर तीन बसें चलती हैं, अब वहां सिर्फ एक ही बस चलेगी। 

अधिकतर रूट अब नहीं चलेंगे। लॉन्ग रूट और कुछ ग्रामीण रूटाें पर इसका असर पड़ेगा। जिला शिमला के ग्रामीण रूटाें से लॉन्ग रूटाें के लिए अब कम ही बसें जाएगी। ऐसे में यात्रियाें काे अब परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

घाटे के चलते हुए इस तरह का निर्णय हुआ है।एचआरटीसी काे खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। क्याेंकि 60 फीसदी सवारियाें काे बैठाने से न ताे डीजल का खर्च पूरा हाे रहा है और न ही निगम काे किसी तरह की काेई कमाई हाे रही है। 

कई रूट ताे निगम के ऐसे हैं, जहां पर एक हजार रुपए का डीजल लग रहा है। जबकि किराया महज 300 रुपए ही मिल रहा है। ऐसे में 700 रुपए का सीधा नुकसान हाे रहा है। 

हिमाचल पथ परिवहन निगम कर्मचारी संघ के सचिव विद्यासागर शर्मा का कहना है की इस तरह के आदेश हमें प्रबंधन की ओर से दिए गए हैं। सभी चालक परिचालक अब कम बसें ही रूटाें पर चलाएंगे। जिन ग्रामीण रूटाें में ज्यादा बसें चल रही है, उन्हें कम कर दिया जाएगा। यही व्यवस्था लांगरूट के लिए भी लागू रहेगी। 

जिस रूट पर एक बस जाती है वह चलेती रहेगी, जबकि जिस रूट पर दाे या तीन बसें जाती है, अब वहां एक ही बस जाएगी।  सबसे ज्यादा दिक्कत लॉन्ग रूट पर हाे रही है। लॉन्ग रूट पर एचआरटीसी काे सवारियां ही नहीं मिल रही हैं। 

राेहड़ू, रामपुर, चाैपाल और नारकंडा से दिल्ली, चंडीगढ़, धर्मशाला और कुल्लू मनाली के लिए हर आधे घंटे के बाद रूट हैं। अब इन लॉन्ग रूट पर बसें नहीं चलेंगी। रविवार काे इन रूटाें के लिए बसें नहीं गई। 

प्रदेश भर में आज से प्राइवेट बसें नहीं चलेंगी। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ की एक बैठक रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में हुई। 

प्रदेश पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से यह तय किया गया है कि जब तक सरकार निजी बस आपरेटरों की मांगें पूरी नहीं करती है तब तक प्रदेश में कोई भी निजी बस नहीं चलेगी।

हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा है कि सभी जिला की यूनियन के पदाधिकारियों ने एकमत से यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन और वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सवारिया नहीं मिल रही है। इसलिए न केवल निजी बसों को बल्कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को भी करोड़ों का घाटा हो रहा है।

शिमला शहर में हमें दिक्कत नहीं आ रही है। जबकि जिले के ग्रामीण क्षेत्राें और लॉन्ग रूट के लिए चलने वाली बसाें में सवारियां नहीं मिल रही हैं। निगम काे इस कारण आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। 

हालांकि हम सभी रूटाें के लिए बसें चला रहे हैं, लेकिन बसाें की संख्या कम कर दी गई है। ड्राइवराें और कंडक्टराें काे पूरी सावधानी बरतने के आदेश जारी किए गए हैं। -देवासेन नेगी, आरएम, एचआरटीसी