प्रदेश के डिपुओं में महंगा हुआ सरसों का तेल, उपभोक्ताओं को 5 से 10 रुपए चुकाने होंगे अधिक दाम

प्रदेश भर के सस्ते राशन के डिपुओं में मिलने वाला सरसों तेल एक बार फिर महंगा हो गया है। राशनकार्ड धारकों को इस बार तेल पर पांच से दस रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे, जिसका सीधा असर प्रदेश के साढ़े 19 लाख राशनकार्ड धारकों पर पड़ेगा

प्रदेश के डिपुओं में महंगा हुआ सरसों का तेल, उपभोक्ताओं को 5 से 10 रुपए चुकाने होंगे अधिक दाम

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     04-04-2023

प्रदेश भर के सस्ते राशन के डिपुओं में मिलने वाला सरसों तेल एक बार फिर महंगा हो गया है। राशनकार्ड धारकों को इस बार तेल पर पांच से दस रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे, जिसका सीधा असर प्रदेश के साढ़े 19 लाख राशनकार्ड धारकों पर पड़ेगा। क्योंकि तेल के दाम खुले बाजार में मिलने वाले तेल के आसपास पहुंच गए हैं। 

ऐसे में लोगों की रसोई का तडक़ा दिन-प्रतिदिन महंगा होता जा रहा है। लोग भी सस्ते राशन की दुकानों में आए दिन महंगे हो रहे राशन से खासे परेशान हैं। बता दें कि सस्ते राशन के डिपुओं में मस्टर्ड ऑयल के दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं। डिपो संचालकों की मानें तो डिपुओं में एनएफएसए राशन कार्ड धारकों को सरसों तेल के प्रति पैकेट पर 132 रुपए की बजाए 142 रुपए और एपीएल राशनकार्ड धारकों को 142 रुपए की बजाए 147 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। 

जिसका सीधा असर प्रदेश के सात लाख 20 हजार 517 एनएफएसए राशनकार्ड धारकों और 11 लाख 28 हजार 351 एपीएल राशनकार्ड धारकों पर पड़ रहा है। यानी कि प्रदेश के करीब साढ़े 70 लाख लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। 

प्रदेश सरकार डिपुओं में एक व दो सदस्यों वाले राशनकार्ड धारकों को रिफाइंड तेल और तीन व तीन से ऊपर सदस्य वाले राशनकार्ड धारकों को सरसों तेल प्रति कार्ड मुहैया करवा रहा है।

प्रदेश भर में सस्ते राशन के डिपुओं में एपीएल राशनकार्ड धारकों को इस माह चार किलो आटा और तीन किलो चावल कम मिलेंगे। एपीएल राशनकार्ड धारकों को अप्रैल माह में 15 किलो की बजाए इस बार 11 किलो आटा और आठ किलो चावल की बजाए इस बार पांच किलो चावल ही मिल पाएगा। ऐसे में आटे व चावल के कोटे में की गई कटौती से एपीएल राशनकार्ड धारकों की भी दिक्कतें बढ़ गई हैं।