प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में निमोनिया से बचाव के लिए लगने वाली वैक्सीन भी खत्म
प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में बच्चों को निमोनिया से बचाव के लिए लगने वाली न्यूमोकोकल कांजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) भी खत्म
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-02-2023
प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में बच्चों को निमोनिया से बचाव के लिए लगने वाली न्यूमोकोकल कांजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) भी खत्म हो गई है। अस्पतालों में अभिभावक बच्चों को लेकर पीसीवी इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं, मगर उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है।
एक सप्ताह से प्रदेशभर में वैक्सीन खत्म है, मगर यह कब तक आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं है। बच्चों को निमोनिया से बचाव का टीका न लग पाने के कारण अभिभावक परेशान हैं।
दो साल पहले ही केंद्र सरकार ने देशभर में निमोनिया से बचाव के लिए लगने वाली इस वैक्सीन को अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध करवाने की शुरुआत की थी। यह टीका एक साल तक के नौनिहालों को तीन बार लगाया जाता है।
डेढ़ माह, साढ़े तीन माह और नौ माह की आयु होने पर बच्चों को यह टीका लगाना जरूरी होता है। साथ में निमोनिया की चपेट में आए मरीजों को भी यह इंजेक्शन लगाया जाता है। लेकिन, मौजूदा समय में वैक्सीन न होने के कारण सप्ताह भर से सभी अस्पतालों से अभिभावक परेशान होकर लौट रहे हैं।
जबकि, निजी संस्थानों में यह इंजेक्शन 2500 से 4000 रुपये तक लगाया जा रहा है। देश में निमोनिया से बच्चों की मौत का अनुपात ज्यादा होने के कारण केंद्र सरकार व्यापक स्तर पर यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध करवाने की पहल की थी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 60 फीसदी बच्चों की मौत निमोनिया से होती है।
निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है। फेफड़ों में सूजन आ जाती है और कई बार पानी भी भर जाता है। यह बुखार या जुकाम होने के बाद होता है। पांच साल से छोटे बच्चों और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। निमोनिया ज्यादातर बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के हमले से होता है।