पर्यटन परियोजनाओं में देरी पर मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों पर लगाई लताड़ 

पर्यटन परियोजनाओं में देरी पर मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों पर लगाई लताड़ 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   25-12-2020

 पर्यटन परियोजनाओं पर कुंडली मार बैठे अफसरों को मुख्यमंत्री ने लताड़ लगाते हुए कार्यप्रणाली सुधारने को कहा है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग, जल शक्ति, बिजली बोर्ड और पर्यटन विकास निगम के अफसरों को बैठक में खूब खरी-खरी सुनाई। 

अफसरशाही पर बरसते हुए सीएम ने कहा कि फंडिंग होने के बावजूद संबंधित विभागों का पर्यटन प्रोजेक्टों पर काम न करना निराशाजनक है।

पर्यटन परियोजनाओं की समीक्षा के लिए बुलाए गए सभी विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों की भरी सभा में सीएम ने सुस्त अफसरों को निशाने पर लेते हुए तुरंत अपना रवैया बदलने के निर्देश दिए हैं। 

सीएम ने कहा कि अफसरशाही की कार्यप्रणाली पर कई दिनों से मुझे शिकायतें मिल रही हैं। अब मुझे भी यकीन हो रहा है कि कुछ विभागों के अफसर काम ही नहीं करना चाहते। सीएम सबसे ज्यादा नाराज लोक निर्माण, वन विभाग, जल शक्ति, बिजली बोर्ड और एचपीटीडीसी के अफसरों से थे। 

इन विभागों को पर्यटन निगम की करोड़ों की फंडिंग हो चुकी है। बावजूद इसके विभागीय अफसर तीन सालों से सरकारी परियोजनाओं पर कुंडली मार कर बैठे हैं। मुख्यमंत्री गुरुवार को राज्य सरकार की नई राहें-नई मंजिलें योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। 

सीएम ने दोटूक कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही देरी अब माफ नहीं होगी। कार्य में कोताही बरतने वाले संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के पहले बजट में ‘नई राहें- नई मंजिलें’ योजना की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य राज्य में अनछुए पर्यटन स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना है।

सीएम ने कहा कि जिला शिमला में चांशल को विकसित करने, लॉग हट्स के उन्नयन, करसाली में प्राकृतिक जल निकाय का जीर्णोद्धार, शिविर स्थलों को विकसित करने और वन विश्राम गृहों के उन्नयन के लिए अब तक 5.31 करोड़ की राशि जारी की गई है। सीएम का कहना था कि निर्धारित समय पर इन परियोजनाओं का शुरू व पूरा न होना निराशाजनक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग डैम को जल क्रीड़ा हब के रूप में विकसित करने के लिए 6.6 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत पोंग डैम क्षेत्र में स्पीड बोट और फ्लोटिंग जेटी आदि की खरीद के अलावा इंटरप्रटेसन केंद्र और इको टूरिज्म साइट्स का निर्माण किया जाएगा। जिला कांगड़ा में बीड़-बिलिंग क्षेत्र को भी ईको पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।

सीएम ने कहा कि सरकार ने जंजैहली ईको पर्यटन परियोजना के तहत ट्रैकिंग मार्गों, विश्राम स्थलों, व्यू प्वाइंट और टेंटों की स्थापना के अतिरिक्त वन विश्राम गृहों के उन्नयन के लिए 18 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। 

परियोजना को अगले साल दिसंबर तक पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लारजी डैम को 3.3 करोड़ रुपए व्यय कर जल क्रीड़ा गतिविधि केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।