पूर्व भाजपा सरकार की फिजूलखर्ची पर एक महीने में श्वेत पत्र लाएगी कांग्रेस : मुकेश अग्निहोत्री

हिमाचल सरकार को पिछले कर्ज चुकाने के लिए नया लोन लेना पड़ रहा है। पूर्व जयराम सरकार ने पांच साल तक फिजूलखर्ची की है। इससे राज्य पर आज भारी भरकम कर्ज का बोझ चढ़ चुका है और ओवर ड्रॉफ्ट के हालात बने है। यह बात श्वेत पत्र लाने के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी के चेयरमैन एवं डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री

पूर्व भाजपा सरकार की फिजूलखर्ची पर एक महीने में श्वेत पत्र लाएगी कांग्रेस : मुकेश अग्निहोत्री

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  10-06-2023

हिमाचल सरकार को पिछले कर्ज चुकाने के लिए नया लोन लेना पड़ रहा है। पूर्व जयराम सरकार ने पांच साल तक फिजूलखर्ची की है। इससे राज्य पर आज भारी भरकम कर्ज का बोझ चढ़ चुका है और ओवर ड्रॉफ्ट के हालात बने है। यह बात श्वेत पत्र लाने के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी के चेयरमैन एवं डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कही। उन्होंने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी की पहली मीटिंग में राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर चर्चा की गई। कमेटी जल्द दो और मीटिंग करके अपनी रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करेगी। इसमें बताया जाएगा कि किन वजह से राज्य पर करोड़ों की देनदारी बकाया है। पूर्व सरकार ने कहा कहां फिजूलखर्ची की। यह सब व्हाइट पेपर में बताया जाएगा। 
 
 
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार की गलत नीतियों और कार्यक्रमों की वजह से हिमाचल की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। पूर्व सरकार ने प्रदेश के फाइनेंस से खिलवाड़ किया है। आर्थिक संसाधन जुटाने के प्रयास नहीं किए गए। केंद्र से जो बजट राज्य को मिलना चाहिए था, उसे लेने के लिए लड़ाई नहीं लड़ी गई। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार कर्ज को लेकर झूठ बोलती रही। क्लियर पिक्चर व्हाइट पेपर के जरिए प्रदेश की जनता के सामने लाई जाएगी।इससे राज्य सरकार पर 75 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया है। विधानसभा के बजट सत्र में भी कांग्रेस ने श्वेत पत्र लाने की घोषणा की थी। इसके लिए अप्रैल महीने में मंत्रिमंडल बैठक में कैबिनेट मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई। 
 
 
इसमें कृषि मंत्री चंद्र कुमार और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह को सदस्य तथा वित्त सचिव को सदस्य सचिव बनाया गया। छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल पर आज 76 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज हो चुका है। प्रत्येक व्यक्ति पर 94 हजार से भी ज्यादा कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा की देनदारी सरकार के पास कर्मचारियों व पेंशनर की है। इस वजह से प्रदेश में विकास कार्य ठप से हो गए हैं। कांग्रेस ने चुनाव से पूर्व भी यह वादा किया था कि राज्य के वित्तीय हालात पर श्वेत पत्र जारी किया जाएगा, ताकि पूर्व सरकार के दौरान लिए गए फैसलों का प्रभाव भी बताया जा सके।