रेखा शर्मा - बीबीएन 07-02-2021
क्षेत्र की जीवदायिनी बाल्द नदी अब उद्योगों व स्क्रैप डीलरों के लिए डंपिंग यार्ड बन चुकी है। जगह जगह लगे औद्योगिक कचरे और प्लास्टिक के ढेरों ने बाल्द नदी का अस्तित्व की खत्म करके रख दिया है। हालात इतने बदतर हैं कि अब औद्योगिक कचरे की डंपिंग साईट बन चुकी बाल्द नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है।
उद्योगों से निकलने वाले प्लास्टिक बेस्ट और कचरे को बाल्द नदी में फेंकने के बाद आग के हवाले कर दिया जाता है। जिससे बाल्द नदी का पानी तो प्रदूषित हो ही रहा है वहीं सुलगते हुए कूड़े के ढेर वायू को प्रदूषित कर रहे हैं। हैरानी तो इस बात की है कि बेलगाम स्क्रैप डीलर नियमों को ताक पर रखकर बाल्द नदी में प्रदूषण फैला रहे हैं और संबंधित विभाग व प्रशासन आंख मूंदकर तमाशा देख रहा है।
गौरतलब है कि बद्दी प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक हब हैं जहां सैंकड़ों उद्योग स्थापित हैं। इन उद्योगों से भारी मात्रा में प्लास्टिक बेस्ट, रैपर, कार्टन, तेल से सने हुए कपड़े, उद्योगों में स्थापित खानें की कैंटीनों से बेस्ट निकलता है। उद्योगों द्वारा इस बेस्ट को स्क्रैप डीलरों को दिया जाता है ताकि वह इस कचरे को सही तरीके से डिस्पोज कर सकें। लेकिन स्क्रैप डीलर उद्योगों से निकलने वाले कचरे को वैज्ञानिक ढंग से डिस्पोज करने की बजाए नदी नालों में ठिकाने लगा रहे हैं।
रात के अंधेरे में टनों के हिसाब से निकलने वाले औद्योगिक कचरे को बाल्द नदी में ठिकाने लगाने के बाद आग के हवाले कर दिया जाता है। जिससे बाल्द नदी का पानी तो प्रदूषित हो रही रहा है वहीं सुलगते हुए कूड़े के ढेर वायू को प्रदूषित कर रहे हैं। स्थानीय लोगों राकेश कुमार, तरसेम चौधरी, बलदेव सिंह, विपिन ठाकुर, अमित कुमार, सुनील कुमार, अजय कुमार, अमरीक ठाकुर, पवन कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि शाम ढलते ही बाल्द नदी में कचरा फेंकने वालों टै्रक्टरों की भरमार लग जाती है।
स्क्रैप डीलरों ने बाल्द नदी को डंपिंग यार्ड बनाकर रख दिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उद्योगों से निकलने वाले कचरे को नदी में फेंककर आग के हवाले कर दिया जाता है और कई दिनों तक यह कूड़े के ढेर सुलगते रहे हैं। उन्होंने संबंधित विभाग और प्रशासन से मांग उठाई है कि प्रदूषण फैलाने वाले इन स्क्रैप डीलरों पर नुकेल कसी जाए।
एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पल गुर्जर ने बताया कि प्रशासन के ध्यानार्थ यह मामला आया है। प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को जांच और कार्रवाई के सख्त निर्देश जारी किए हैं। पर्यावरण और जीवनदायिनी नदियों से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।