पोषण अभियान में देश के अन्य राज्यों के तुलना में सिरमौर की स्थिति बेहतर : राम कुमार गौतम

जिला सिरमौर पोषण अभियान में देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति में है यह जानकारी आज उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में नीति आयोग द्वारा पोषण अभियान पर देश के अन्य राज्यों व हिमाचल की तुलना में पोषण अभियान पर बनाए गए पीपीटी की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक अध्यक्षता करते हुए दी।

पोषण अभियान में देश के अन्य राज्यों के तुलना में सिरमौर की स्थिति बेहतर : राम कुमार गौतम
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन   14-12-2021
 
जिला सिरमौर पोषण अभियान में देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति में है यह जानकारी आज उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में नीति आयोग द्वारा पोषण अभियान पर देश के अन्य राज्यों व हिमाचल की तुलना में पोषण अभियान पर बनाए गए पीपीटी की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक अध्यक्षता करते हुए दी।
 
 इस बैठक में उपायुक्त ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला सिरमौर में ठिगनेपन, अल्प पोषण, किशोरियों, गर्भवती व धात्री माताओं में एनीमिया व कम वजन के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में निरंतर कमी लाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। 
 
उपायुक्त ने बताया कि नवजात बच्चे के जन्म लेने के बाद के 1000 दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इन दिनों में बच्चे का मानसिक, शारीरिक और अन्य प्रकार का विकास होता है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को बच्चों के  प्रारम्भिक  1000 दिनों के लिए एक बेहतर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए जाए। 
 
उपायुक्त ने कहा कि महिला के गर्भधारण के समय  पंजीकरण से लेकर  बच्चे के जन्म के उपरांत  2 वर्ष पूरा करने तक उस महिला व बच्चे को उचित पोषाहार उपलब्ध करवाना  आवश्यक है और इसके अतिरिक्त उन्होंने नवजात बच्चों को डायरिया होने पर पर्याप्त मात्रा में जिंक व ओआरएस देने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए और  स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण करने के बाद होने वाले शारीरिक बदलाव व अन्य आवश्यकताओं के बारे में एक बेहतर समझ विकसित करने के लिए  उचित परामर्श उपलब्ध करवाने के लिए व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।
 
 इस अवसर पर पीपीटी के माध्यम से बताया कि हिमाचल अन्य राज्यों की तुलना में बच्चों में ठिगनापन, अल्पपोषण, एनीमिया, कम वजन के मामलों में बेहतर स्थिति में है। परन्तु सिरमौर में बच्चों में ओवरवेट के काफी मामले पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल में अधिक वजन के बच्चे जहां 2015-16 में 2 प्रतिशत थे वही 2019-20 में यह बढ़कर 6 प्रतिशत हो गए हैं इसके अतिरिक्त हिमाचल में 2015-16 में 18.7 प्रतिशत  महिलाएं एनीमिया से ग्रसित थी वही 2020-21 में यह दर 22.9 पहुच गई है।
 
जबकि उच्च रक्तचाप व डायबिटीज के मामले में भी यह आंकड़ा बढा है। जोकि चिंता का विषय है। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा विभाग को स्कूलों में संतुलित आहार, एनीमिया, कुपोषण, डायरिया व किशोरियों में शारीरिक बदलाव अन्य स्वास्थ्य संबधि जानकारी उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करने को कहा।
 
इसके अतिरिक्त बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल छोड़ने वाले बच्चों पर नजर रखने व स्कूलों में स्वच्छता एवं साफ सफाई पर बच्चों को जागरूक करना सुनिश्चित करें। 
 
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास परियोजना राजेंद्र नेगी ने जिला में पोषण अभियान में विभाग के उपल्बधियों के बारे में  अवगत कराया। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर सोनाक्षी सिंह तोमर प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज नाहन डॉ महेंद्रू सहित  वर्चुअल माध्यम से सभी उपमंडलाधिकारी, बीएमआ,े सीडीपीआ,े सुपरवाइजर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता  बैठक में उपस्थित रहे।