बजट सत्र के दूसरे दिन भी सदन में विपक्ष का हंगामा , भाजपा विधायक ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन भी सदन में खूब हंगामा हुआ। सत्तापक्ष और विपक्ष में कई बार तीखी नोकझोंक देखने को मिली। चुराह से भाजपा विधायक हंसराज ने सदन में आमरण अनशन की चेतावनी तक दे डाली। उन्होंने कहा कि विधायक विकास निधि को तुरंत बहाल किया जाए

बजट सत्र के दूसरे दिन भी सदन में विपक्ष का हंगामा , भाजपा विधायक ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  15-03-2023

 

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन भी सदन में खूब हंगामा हुआ। सत्तापक्ष और विपक्ष में कई बार तीखी नोकझोंक देखने को मिली। चुराह से भाजपा विधायक हंसराज ने सदन में आमरण अनशन की चेतावनी तक दे डाली। उन्होंने कहा कि विधायक विकास निधि को तुरंत बहाल किया जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। जरूरी हुआ तो आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। 

 

इससे पहले पूर्व मंत्री व पांवटा साहिब से भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने नियम 67 के तहत सदन में प्रस्ताव लाया और ऑफिस डिनोटिफाइड करने के मसले पर चर्चा की मांग की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि नियम 67 अब रूटीन बनकर रह गया है। विपक्ष इसका गलत इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने इस विषय पर चर्चा की मंजूरी देने की बात कही। स्पीकर ने भी विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए आज कार्यसूची सस्पेंड कर इस पर चर्चा की मंजूरी दी। सुखराम चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में पूर्व सरकार को कुछ भी करने का मौका नहीं मिला। 

 

अंतिम सालों में सरकार ने जनहित को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जितने संस्थानों को खोला गया। सरकार बदलते ही उन पर ताला जड़ दिया गया। इससे जनता को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि विपक्ष ने राजनीतिक लाभ के लिए प्रस्ताव लाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अंतिम 6 महीनों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए 900 संस्थान खोले। चार उप-चुनाव में मिली हार के बाद लोगों को ठगने के लिए इन दफ्तरों को खोला गया। 

 

हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड 1800 करोड़ रुपए के घाटे में है और भाजपा सरकार में 6 महीने में 33 डिवीजन खोल दिए, जबकि बोर्ड में 10,000 फील्ड स्टाफ की भारी कमी है। कांग्रेस के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि जब देश व प्रदेश में डबल इंजन सरकार थी तो भाजपा सरकार को बार-बार ऋण क्यों लेना पड़ा। भाजपा सरकार क्यों केंद्र से कोई आर्थिक पैकेज नहीं ला सकी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की आर्थिक स्थिति की चिंता है। इसलिए वह कड़े फैसले ले रहे हैं। प्रदेश में सुक्खू सरकार बनने के दूसरे ही दिन कांग्रेस विधायक दल की 12 दिसंबर को सचिवालय में मीटिंग हुई। इसमें एक अप्रैल 2022 के बाद खोले गए सभी दफ्तर डिनोटिफाइड करने का निर्णय लिया गया। 

 

इसके बाद सरकार ने विभिन्न विभागों के 650 से ज्यादा दफ्तर बंद किए। दो संस्कृत महाविद्यालय को मिलाकर 19 कालेजों पर भी ताला जड़ दिया गया है। लगभग 300 स्कूलों पर भी ताला लटकाने की तैयारी है। दफ्तर बंद करने को लेकर विपक्ष सभी जिलों में आक्रोश रैली भी निकाल रहा है। आज इस मुद्दे को भाजपा विधायकों ने सदन के भीतर भी उठाया। अब इस पर सदन में चर्चा हो रही है। डिनोटिफिकेशन पर चर्चा के कारण अब सदन में सप्लीमेंट्री (अनुपूरक) बजट पर चर्चा लटक सकती है। 

 

पूर्व निर्धारित कार्यसूची के अनुसार आज पर इस पर चर्चा होनी थी और वर्ष 2022-23 का 13,141.07 करोड़ रुपए का सप्लीमेंट्री बजट पास होना था। सदन में आज नियम 130 के तहत 2 विषयों पर चर्चा होनी थी। झंडुता से भाजपा विधायक जीतराम कटवाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर बने घरों और गौशालाओं को रेगुलर करने के मसले और धर्मपुर से कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने मनरेगा के तहत काम व मजदूरों को दिहाड़ी का समय पर भुगतान नहीं होने पर चर्चा मांग रखी है। इन दोनों विषय पर आज चर्चा संभव नहीं है।