बिना डाक्टर के सफ़ेद हाथी बन रही अल्ट्रासाउंड मशीन , निजी क्लिनिक कूट रहे चांदी
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 19-03-2021
एक तरफ तो सरकार लोगों को घर द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात करती है , दूसरी और सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में रेडिओलॉजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड मशीन सफेद हाथी साबित हो रही है।
पांवटा साहिब शहरी क्षेत्र में करीब आधा दर्जन निजी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक धड़ल्ले से चल रहे हैं और मोटी कमाई कर रहे हैं। जबकि इन निजी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक संचालकों के पास रेडियोलॉजी विषय में कोई प्रमाणित शिक्षा नहीं है।
पांवटा साहिब सिविल अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 500 - 600 रोगी आते हैं, जिनमें से विभिन्न जांचों के लिए जिसमें गर्भवती महिलाओं की संख्या ज्यादा रहती है को अस्पताल से अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लिखा जाता है।
परंतु इस सरकारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन तो है लेकिन विशेषज्ञ डाक्टर के यहां से करीब चार साल पूर्व ट्रांसफर हो जाने के बाद यहां पर अल्ट्रासाउंड होने बंद हो गए हैं। आलम यह है कि रोगियों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए शहर में निजी क्लीनिकों में धक्के खाने पड़ रहे हैं।
यही नहीं निजी क्लीनिकों द्वारा रोगियों से 800 से 1000 रुपए तक अल्ट्रासाउंड के लिए जा रहे हैं जो कि गरीब जनता पर सीधी मार है। ऐसा बताया जा रहा है कि इन निजी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक संचालकों ने कोई छोटी-मोटी ट्रेनिंग की है, जिसके बलबूते पर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं।
शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने इस बारे प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग से मांग उठाई है कि सरकारी अस्पतालों में तैनात डाक्टरों को भी अल्ट्रासाउंड प्रशिक्षण दिया जाए। उधर इस मामले में सीएमओ सिरमौर डा. के. के. पराशर ने बताया की इस बारे सरकार और स्वास्थ्य निदेशालय को सूचित किया गया है। जब तक नियमित डॉक्टर नहीं आता तबतक फिलहाल मेडिकल कालेज से दो दिनों के लिए एक रेडिओलॉजिस्ट को पांवटा अस्पातल भेजा जायेगा।