बिना लाइसेंस लोगों का उपचार करने वाले फर्जी डाक्टर को तीन साल की कैद के साथ एक लाख जुर्माना
यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला 26-02-2021
बिना लाइसेंस क्लीनिक चलाने वाले पपरोला के व्यक्ति के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर अदालत ने दोषी को तीन साल का कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर को शिकायतें मिल रहीं थी कि बीड़ में बिना लाइसेंस एक व्यक्ति लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रहा है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ड्रग इस्पेक्टर आशीष रैणा ने 12 मार्च, 2010 को तिब्बतियन कालोनी के पास सरस्वत क्लीनिक में दबिश दी। इस दौरान क्लीनिक से 11 प्रकार के एलोपैथी दवाएं बरामद हुईं। यह दवाएं अधिकतर सभी सामान्य बीमारियों के लिए थीं। इस दौरान क्लीनिक संचालक से लाइसेंस मांगा गया था।
संचालक बिहारी लाल निवासी पपरोला ने तर्क दिया कि उसके पास इंडियन बोर्ड ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसन का सर्टिफिकेट है। इसी के आधार पर वह फैक्टरियों से दवाईयां मंगवाता है और यहां लोगों को बेचता है।
इसके अलावा व्यक्ति किसी भी तरह का कोई सर्टिफिकेट नहीं था। बिना लाइसेंस व बिल के दवाएं बेचने पर व्यक्ति के खिलाफ पुलिस थाना बैजनाथ में 18-सी ड्रग कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत केस दर्ज किया गया। ड्रग इस्पेक्टर व पुलिस जांच के बाद केस विशेष जज एवं जिला सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा की अदालत में पहुंचा।
न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए तीन गवाहों व ड्रग इस्पेक्टर आशीष रैणा की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने दोषी बिहारी लाल को तीन साल का कारावास व एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।