बोले पीएम मोदी, भारत को खिलौना बाजार में भी बनाना है आत्मनिर्भर
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 30-08-2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में देश एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रहा है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने खिलौनों और मोबाइल गेम्स के मामले में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है। साथ ही उन्होंने कहा कि जितने भी वर्चुअल गेम्स हैं उनकी थीम्स बाहरी हैं। इसलिए मैं देश के युवा टैलंट से कहता हूं कि आप भारत के भी गेम्स बनाइए।
कुछ दिनों बाद, पांच सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाएंगें। हम सब जब अपने जीवन की सफलताओं को अपनी जीवन यात्रा को देखते है तो हमें अपने किसी न किसी शिक्षक की याद अवश्य आती है। साथियों और विशेषकर मेरे शिक्षक साथियों, वर्ष 2022 में हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा।
देश आज जिस विकास यात्रा पर चल रहा है इसकी सफलता सुखद तभी होगी जब हर एक देशवासी इसमें शामिल होगा, इस यात्रा का यात्री हो, इस पथ का पथिक हो, इसलिए, ये जरूरी है कि हर देशवासी स्वस्थ रहे सुखी रहे और हम मिलकर के कोरोना को पूरी तरह से हराएं।
कोरोना तभी हारेगा जब आप सुरक्षित रहेंगे, जब आप 'दो गज की दूरी, मास्क जरुरी', इस संकल्प का पूरी तरह से पालन करेंगे। आप सब स्वस्थ रहिए, सुखी रहिए, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ अगली मन की बात में फिर मिलेंगे।डॉग्स की आपदा प्रबंधन और रेस्क्यू मिशन में भी बहुत बड़ी भूमिका होती हैं।
भारत में तो एनडीआरएफ ने ऐसे दर्जनों डॉग्स को स्पेशली ट्रेन किया है। कहीं भूकंप आने पर, इमारत गिरने पर, मलबे में दबे जीवित लोगों को खोज निकालने में ये बहुत एक्सपर्ट होते हैं। साथियों, मुझे यह भी बताया गया कि भारतीय नस्ल के डॉग्स भी बहुत अच्छे होते हैं, बहुत सक्षम होते हैं।
पिछले कुछ समय में आर्मी, सीआईएसएफ, एनएसजी ने मुधोल हाउंड डॉग्स को ट्रेन्ड करके डॉग स्कवॉड में शामिल किया है, सीआरपीएफ ने कोंबाई डॉग्स को शामिल किया है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च भी भारतीय नस्ल के डॉग्स पर रिसर्च कर रही है।
न्यूट्रिशन के इस आंदोलन में पीपुल पार्टिसिपेशन भी बहुत जरूरी है। जन-भागीदारी ही इसको सफल करती है। अगर आपको गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाने का अवसर मिला होगा या कोविड के बाद आपको जाने का अवसर मिलेगा, तो, वहां एक यूनिक प्रकार का न्यूट्रिशन पार्क बनाया गया है। खेल-खेल में ही न्यूट्रिशन की शिक्षा वहां जरुर देख सकते हैं। साथियों, भारत एक विशाल देश है, खान-पान में ढेर सारी विविधता है।