ब्लैक फंगस के उपचार में कारगर होगी स्वदेशी दवा पोसाकोनाजोल, एमएसएन लैबोरेटरीज ने की लांच
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 24-05-2021
देश में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमायकोसिस के बढ़ते मामलों के बीच एक घरेलू कंपनी ने इसकी नई दवा उतारने का ऐलान किया है। हैदराबाद स्थित एमएसएन लैबोरेटरीज ने भारतीय बाजार में पोसाकोनाजोल लांच करने की घोषणा की है। इस दवा को कंपनी ने 100 एमजी डिलेड रिलीज टैबलेट और 300 एमजी इंजेक्शन के रूप में पेश करने की घोषणा की है।
कोविड-19 से ठीक हो रहे कई मरीजों में म्यूकोरमायकोसिस नामक दुर्लभ और मारक फंगल संक्रमण पाया गया है, जो ब्लैक फंगस के नाम से मशहूर है। कंपनी का दावा है कि उसकी इस दवा को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई ) से मंजूरी मिल चुकी है।
ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार इसके इलाज में अहम एंफोटरइसिन - बी की उपलब्धता भी बढ़ाने में जुट गई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश में एंफोटरइसिन-बी दवा की सप्लाई सीमित थी, लेकिन अब इसकी आपूर्ति लगातार बढाई जा रही है।
सरकार ने इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए पहले ही पांच और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा मौजूदा कंपनियां भी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रही हैं। ब्लैक फंगस से नाक, आंख, साइनस और कभी-कभी दिमाग को भी नुकसान पहुंचता है।
इंसानों में ब्लैक फंगस के संक्रमण के मामले बहुत कम मिलते हैं। मिट्टी, पौधों, खराब फल और सब्जियों में ब्लैक फंगस होते हैं और इसके संपर्क में आने के बाद कभी-कभी इंसान भी इससे संक्रमित हो जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जा रहा है।
स्टेरॉयड से रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित करती है और ब्लैक फंगस कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को ही पकडता है। यही वजह है कि कोरोना से ठीक होने वाले ज्यादातर मरीज, खासकर डायबिटिक के मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं।