हरिद्वार में मदद गुरु द्वारा संपन्न सामूहिक श्राद्ध व पितृभोज का विशेष कार्यक्रम आयोजित
अमावस के मौक़े पर अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संस्था मदद गुरु द्वारा करोना काल में दिवंगत हुए लोगों को त्रप्त कर उनकी आत्मा की शांति के लिए गीता पाठ और पित्र भोज का आयोजन
न्यूज़ एजेंसी - हरिद्वार 06-10-2021
अमावस के मौक़े पर अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संस्था मदद गुरु द्वारा करोना काल में दिवंगत हुए लोगों को त्रप्त कर उनकी आत्मा की शांति के लिए गीता पाठ और पित्र भोज का आयोजन किया गया।
मदद गुरु के संस्थापक पंडित आयुष गौड़ ने बताया कि उनकी संस्था के द्वारा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कोविड काल के दौरान दिवंगत हुए लोगों की अंत्येष्टि कराई गई थी।
यही वजह है की अपनी नैतिक और धार्मिक ज़िम्मेदारी का निर्वाह करते हुए सभी दिवंगत लोगों का सामूहिक श्राद्ध तर्पण और पित्र भोज आयोजित कराया गया। साथ ही 11 ब्राह्मणों द्वारा गीता पाठ का आयोजन भी किया गया।
यह पूरा आयोजन ज्योतिर द्वारका शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी की देख रेख में सम्पन्न हुआ। मठ के विशेष प्रतिनिधि ब्रह्मचारी रामानन्दजी स्वयं मौक़े पर मौजूद रहे।
उन्होंने पत्रकारों को बताया की अमावस के मौक़े पर अपनों का श्राद्ध और तर्पण तो सभी करते हैं लेकिन सामाजिक संस्था मदद गुरु द्वारा सामूहिक रूप से जनहित और जन कल्याण के लिए हर दिवंगत आत्मा के लिए यह उत्कृष्ट कार्य कराना सौभाग्य की बात है। हिंदू रीति रिवाज़ के अनुसार ऐसा करने से आत्मा की शांति तो होती ही है साथ में पित्रों का आशीर्वाद प्राप्त होता।
इसके अलावा आयोजन में देश और विदेश के तमाम लोगों द्वारा संस्था को उनके पितरों का नाम और गोत्र भेजा गया था ताकि उनका भी तर्पण और श्राद्ध हरिद्वार की पावन भूमि पर हो सके।
मदद ग्रुप के संस्थापक पंडित आयुश ने बताया की वो लोग जो हरिद्वार के पावन धरती पर अब तक अपने पूर्वजों के लिए यह महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाए हैं।
उनकी जानकारी लेकर संस्था के द्वारा नियुक्त पंडितों से उनके पित्रो के लिए तर्पण और श्राद्ध कराया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गीता पाठ से हुई, मंत्रों के उच्चारण से पूरा घाट गूंजा उठा।
इसके पश्चात 51 ब्राह्मणों द्वारा तर्पण और श्राद्ध का कार्यक्रम हुआ और फिर 5000 से ज़्यादा लोगों ने सर्वानंद घाट पर प्रसाद ग्रहण किया।
इस मौक़े पर हरिद्वार के अलग अलग आश्रमों से कई बड़े संत और विद्वान मौजूद रहे। ख़ास तौर पर संत यशिश्वरआनंद, मेहनत प्रेम दास, सतपाल ब्रह्मचारी , महंत शिवम्, हटयोगी महाराज, महावीर वशिष्ट आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन दीपक वर्मा द्वारा किया गया।