न्यूज़ एजेंसी - कोलकाता 17-06-2021
कोरोना महामारी के प्रकोप से स्वास्थ्य संरचनाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। सिर्फ दवा और टीके की ही कमी नहीं है बल्कि खून की कमी से भी मरीजों को जूझना पड़ रहा है। एक तरफ ब्लड बैंकों में पर्याप्त खून नहीं है और दूसरी तरफ लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए जल्दी ऑनलाइन स्लॉट नहीं मिल रहा है।
इन्हीं दोनों समस्याओं को देखते हुए पश्चिम बंगाल में एक नई पहल शुरू की गई है। इसके तहत राज्य में अस्पतालों और ब्लड डोनेशन ऑर्गनाइजेशन की ओर से चलाए जा रहे अभियान के तहत ब्लड दो और और वैक्सीनेशन स्लॉट पाओ की बात कही जा रही है।
एएमआरआई अस्पताल के ग्रुप सीईओ रूपक बरुआ ने कहा है कि लॉकडाउन और महामारी की वजह से रक्तदान केंद्र नहीं लगाए जा सके इसलिए महामारी शुरू होने के बाद पिछले साल से अस्पतालों में ब्लड की कमी देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि रक्तदान में होने वाली कमी एक वजह यह भी है कि कोरोना वैक्सीन की एक भी खुराक लेने के बाद 14 दिनों तक रक्त दान नहीं किया जा सकता है।
रूपक बरुआ ने बताया है कि खून दो और वैक्सीनेशन स्लॉट पाओ की पहल को जमीन पर उतारने के लिए टेक्नो इंडिया दामा अस्पताल ने एक गैर लाभकारी संस्था के साथ करार किया है। यह संस्था लोगों को कैंसर रोगियों के लिए टाटा मेडिकल सेंटर में रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके बदले में ब्लड डोनर्स को वैक्सीन स्लॉट का आश्वासन दिया जाता है।
आपको बता दें कि लोग वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन स्लॉट जल्दी न मिलने से काफी परेशान हैं। रूपक बरुआ के अनुसार जो भी व्यक्ति इस अभियान के तहत ब्लड डोनेट करेगा, उसे रक्तदान के तीन दिन के अंदर वैक्सीनेशन का स्लॉट मिलेगा। ब्लड डोनेशन और टीकाकरण के बीच तीन दिन का समय इसलिए रखा गया है क्योंकि रक्तदान करने वाले लोग ब्लड डोनेशन के दिन ही टीका नहीं लगवा सकते।