सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को सहारा नहीं दे पाया प्रशासन, नगर परिषद के लिए बनी गले की फांस

पांवटा शहर में सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं कों प्रशासन सहारा नही दे पाया है,पशुओं की समस्‍या आज भी जस की तस बनी हुई है। मीडिया ने पहले भी इस बात कों प्रमुखता के साथ उठाया

सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को सहारा नहीं दे पाया प्रशासन, नगर परिषद के लिए बनी गले की फांस

यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब    26-04-2023

पांवटा शहर में सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं कों प्रशासन सहारा नही दे पाया है,पशुओं की समस्‍या आज भी जस की तस बनी हुई है। मीडिया ने पहले भी इस बात कों प्रमुखता के साथ उठाया है की प्रशासन गों सेवकों का अनशन मात्र एक गिलास जूस पिलाकर तुड़वा देते है लेकिन कमी या तों प्रशासन में है या फिर लोग जागरूक नही हो रहे है।

सवाल यह भी है की खबरों की सुर्खियों में आने के लिए स्थानीय प्रशासन एक दों दिन का ढिंढोरा पीटने के बाद बैठ जाता है। कुछ समय पहले नगर पालिका की तरफ से शहर की सड़कों को आवारा पशुओं से मुक्त करने का अभियान चलाया गया,लेकिन आज भी पांवटा में आवारा पशु सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं,न तो इन्हे आश्रय दिया गया और न ही शहर की सड़के पशुमुक्त हो सकी।

मसला काफ़ी पुराना है जिसको प्रशासन आजतक हल नही कर पाया है। स्थानीय लोगों का कहना है की पशु भी उनके लिए जी का जंजाल बने है। सुबह मॉर्निंग वाक पर निकलो तो सड़कों पर गंदगी फैली रहती है। वाहन लेकर निकलो तो पशु एन. एच पर बेखौफ होकर बैठे रहते है। जिससे वाहन चलाने में भी परेशानी होती है।

दूसरी और पांवटा के वार्ड नंबर सात में गंदे नाले के पास कूड़े के ढेर पर तड़के सुबह ही आवारा पशु इस कूड़े को खाते नजर आते है। कहीं न कहीं अब एसडीएम कों भी इस बात पर संज्ञान लेना चाहिए। ताकि इसका पूरी तरह से निवारण हो सके और पावंटा शहर जो धार्मिक स्थल के रूप में भी अपनी जगह बनाई है उसकी सुंदरता पर दाग न लगे।

हालांकि प्रदेश सरकार ने शहरों में नंदीशाला और गौशालाएं भी बनवाई हैं। ताकि गौवंश सड़कों पर न घूमें और गंदगी में खाने की तलाश न करें, लेकिन सरकार की ये कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। 

प्रदेश में मां की तरह पूजी जाने वाली गाय अपना पेट भरने के लिए कचरे व गंदगी के ढेर में भोजन तलाश करने पर मजबूर है कि कहीं उसे कुछ खाने को मिल जाए, लेकिन मिलती है तो सिर्फ गंदगी। जिसमें प्लास्टिक से अधिक कुछ नही होता है लेकिन उसे मजबूरन उसे खाना पड़ता है।

उधर इस बारें में ज़ब यंगवार्ता न्यूज़ ने कार्यकारी अधिकारी अजमेर ठाकुर से बात कि तो उन्होंने बताया की हाल ही में डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने निर्देश जारी किये है कि टैग लगे पशुओं का ही नही अपितु जो भी अब पशु छोड़ेगा उसका चालान किया जाएगा। उन्होंने शहर के लोगों से अपील की है की लोग अपने पशुओं को बांध कर रखे। ताकि प्रशासन को भी किसी प्रकार की परेशानी न हो।