बहुचर्चित फर्जी डिग्री मामले में मानव भारती के संस्थापक सहित आठ आरोपी अदालत में पेश
बहुचर्चित फर्जी डिग्री मामले में शनिवार को मानव भारती यूनिवर्सिटी (एमबीयू) के संस्थापक सहित आठ आरोपी अदालत में पेश हुए। विशेष न्यायाधीश भूपेश शर्मा ने सभी आरोपियों को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 05-03-2023
बहुचर्चित फर्जी डिग्री मामले में शनिवार को मानव भारती यूनिवर्सिटी (एमबीयू) के संस्थापक सहित आठ आरोपी अदालत में पेश हुए। विशेष न्यायाधीश भूपेश शर्मा ने सभी आरोपियों को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। बाकी के चार आरोपियों को अदालत ने दोबारा समन जारी किए हैं।
मामले की सुनवाई अब 29 मई को निर्धारित की गई है। एमबीयू के संस्थापक राज कुमार राणा, जगमल सिंह, जगमोहन चोहड़ा, प्रमोद कुमार, अजय कुमार, हिमांशु शर्मा, पंकज अग्रवाल और अभिषेक गुप्ता अदालत के समक्ष पेश हुए। नामित आरोपी सारिका, कृष्ण कुमार सिंह, मंदीप राणा और अशोनी कंवर अदालत में अनुपस्थित पाए गए।
अदालत ने इन्हें दोबारा समन जारी किए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने शिमला की विशेष अदालत में आपराधिक शिकायत दायर की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विश्वविद्यालय के संस्थापक सहित 13 लोगों और तीन संस्थानों को आरोपी नामित किया है।
आरोपियों पर फर्जी डिग्रियां बेचकर 194.14 करोड़ रुपये को वैध करने का आरोप लगाया गया है। ईडी की ओर से दायर दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने पाया है कि आरोपियों के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त कारण और आधार है।
ईडी के दस्तावेजी साक्ष्य से प्रतीत होता है कि आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन निवारण अधिनियम 2002) की धारा 3 और 4 के दंडनीय प्रावधानों का अपराध किया है। ईडी ने अदालत के समक्ष शिकायत की है कि वर्ष 2009 में आरोपी राज कुमार राणा ने जिला सोलन के गांव लाड्डो, सुल्तानपुर में एक निजी विश्वविद्यालय मानव भारती की स्थापना की।
साथ ही वर्ष 2013-14 में राजस्थान के आबू रोड सिरोही में माधव विश्वविद्यालय की स्थापना भी की। दोनों संस्थान मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के अधीन चलाए जा रहे थे। आरोप लगाया गया है कि राजकुमार राणा ने सुनियोजित तरीके से जाली / मनगढ़ंत दस्तावेजों की मदद से दोनों संस्थानों का संचालन शुरू किया।
एमबीयू के संस्थापक राणा ने सह आरोपियों के साथ मानव भारती विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्रीयां बेचीं और मोटी रकम अर्जित की। इस अपराध के लिए ईडी ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 462, 467, 471 और धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 3 और 4 के तहत सोलन जिला के पुलिस थाना धर्मपुर में प्राथमिकी दर्ज की है। प्रारंभिक जांच में ईडी ने आरोपी राज कुमार की चल और अचल संपत्ति 194.14 करोड़ रुपये आंकी है।