भारत-नेपाल बॉर्डर विवाद के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क
यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 22-05-2020
कालापानी को लेकर भारत- नेपाल के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। लेकिन अब नेपाल ने अपने नक्शे में इस हिस्से को शामिल कर विवाद बढ़ा दिया है। विवाद को देखते हुए भारत के बॉर्डर से लगे उत्तराखंड जनपदों में पुलिस और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट किया गया है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों को हर स्थिति पर नज़र रखने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखंड पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही कोरोना महामारी के मद्देनजर एक्टिव मोड में हैं। लेकिन अब वह इस विवाद को लेकर भी सर्तक हो गयीं हैं।
सूत्रों के अनुसार नेपाल की ओर से बॉर्डर पर गतिविधियां बढ़ गयी हैं। जिस कारण राज्य की सीमा से सटे जनपदों में अलर्ट किया गया है। डीजी कानून अशोक कुमार ने बताया कि बॉर्डर पर एसएसबी और अन्य एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं। सटे हुए जनपदों में पूरी तरह शांति है। हम पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।
नए नक्शे के मुताबिक अब नेपाल का नया क्षेत्रफल 1 लाख 47 हजार 5 सौ 16 वर्ग किलोमीटर है। इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी, लिम्यिाधूरा सहित करीब 372 वर्ग किमी क्षेत्र को नेपाल में दर्शाया गया है। इस नक्शे के माध्यम से नेपाल भारत पर 372 वर्ग किलोमीटर भूमि को अतिक्रमण किए जाने की बात कह रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 08 मई को लिपुलेख तक जाने वाली सड़क के उद्घाटन करने के बाद से यह विवाद गरमाया हुआ है। नेपाल का दावा है कि यह सड़क नेपाल से होकर गुजरती है। बगैर उसकी सहमति के कोई भी देश ऐसा कैसे कर सकता है। उत्तराखंड से लगी सीमा के आसपास के इलाकों में नेपाल के नए नक्शे का विरोध हो रहा है।