जिला स्तरीय सलाहकार एवं समन्वय समीक्षा समिति की बैठक आयोजित
यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 12-01-2022
मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना के अंतर्गत प्रायोजित मामलों में कुछ बैंक ऋण जारी करने में अनावश्यक विलंब कर रहे हैं जिससे युवाओं को अपने उद्यम स्थापित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यह बात अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह ने जिला स्तरीय सलाहकार एवं समन्वय समिति की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंनें कहा कि उद्योग विभाग न स्वाबलंबन योजना के तहत कुल 411 मामले चालु वित्त वर्ष के दौरान प्रायोजित किये हैं जिनमें से 87 मामले लंबित हैं। अधिकांश मामले भारतीय स्टेट बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के पास लंबित हैं।
उन्होंने बैंकों को जल्द ऋण स्वीकृत करने को कहा ताकि पात्र व्यक्तियों को समयबद्ध योजना का लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने योजना को गंभीरतापूर्वक लेने के लिये कहा और 31 मार्च से पूर्व शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने की अपेक्षा बैंकों से की। हालांकि पिछले साल कुल्लू जिला प्रदेशभर में सर्वश्रेष्ठ रहा है, इसके लिये उन्होंने बैंकर्ज को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि इस साल 9.25 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी करने का लक्ष्य है और इसे हर हालत मंे हासिल करना होगा। उन्होंने कहा कि बैंक यदि किसी मामले को अस्वीकृत करते हैं तो कारण सहित इसकी तुरंत से सूचना संबंधित विभाग को दी जानी चाहिए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने सीडी अनुपात में सुधार लाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इण्डियन बैंक, एक्सिस बैंक, यस बैंक तथा इंडसइंड बैंक का सीडी अनुपात 25 प्रतिशत से कहीं कम है। उन्हें अवगत करवाया गया कि सितम्बर 2021 की तिमाही के दौरान सीडी अनुपात 41.22 फीसदी रहा जो राष्ट्रीय मानकों के 60 प्रतिशत की तुलना में काफी कम है।
सभी बैंक सीडी अनुपात में सुधार लाने के लिये ऋणों को प्रोत्साहित करें। शिवम प्रताप सिंह ने बैंकों को कृषि व बागवानी के क्षेत्रों में उदारतापूर्वक ऋण प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बैंक कम से कम औपचारिकताओं की शर्त रखें ताकि जरूरतमंद लोग सुगमतापूर्वक ऋण प्राप्त कर अपना उद्देश्य पूर्ण कर सके। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोग बैंकों के चक्कर काटने के बाद निरूत्साहित होकर ऋण का विचार ही त्याग देते हैं।
बैंकों को गांव में समय-समय पर ऋण साक्षरता शिविरों का आयोजन करना चाहिए। अतिरिक्त उपायुक्त ने इस अवसर पर जिला के लिये राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की संभाव्यता युक्त ऋण योजना 2022-23 को जारी किया। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिये 2022-23 के लिये कुल 156478.82 लाख रुपये के ऋण का अनुमान लगाया गया है। इसमें कृषि व बागवानी क्षेत्र तथा मुख्य आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया है।
जिला अग्रणी बैंक पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य प्रबंधक पामा छेरिंग ने एजेण्डा प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिला में 21 बैंक 128 शाखाओं के माध्यम से लोगों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। जिला में 126 एटीएम स्थापित किये गए हैं। बीते सितम्बर माह तक जिला में कुल जमा 7920.23 करोड़ रुपये जबकि ऋण 3264.44 रुपये हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत बैंकों के बकाया ऋण 2363 करोड़ रुपये जबकि गैर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 902 करोड रुपये हैं।
प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 1000.63 करोड़ रुपये के ऋण कृषि क्षेत्र में, लघु व मध्यम उद्योगों के लिये 890.43 करोड़, आवास के लिये 354.5 करोड़ तथा शिक्षा क्षेत्र में 21.88 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किये गये हैं। पामा छेरिंग ने कहा कि कुल 93667 बैंक खातों में से 9830 खाते एनपीए श्रेणी में रिकार्ड हुए हैं जिनमें 368 करोड़ के ऋण बकाया है। उन्होंने अवगत करवाया कि पिछली तिमाही के दौरान एनपीए प्रतिशतता 8.42 से बढ़कर 11.27 फीसदी पहुंच गई है।
उन्होंने बैंको को ऋण वसूली के लिये विशेष प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि वसूली के संबंध में 1101 लाख रुपये के 4040 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि वार्षिक ऋण योजना के तहत कुल 1624 करोड़ रुपये के मुकावले जिला ने बीती तिमाही तक 636 करोड़ रुपये के ऋण वितरित करके 39.16 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है।
किसान ऋण कार्ड तथा रूपे कार्ड योजना पर चर्चा करते हुए पामा छेरिंग ने अवगत करवाया कि सभी बैंकों को किसान क्रेडिट कार्ड के लिये रूपे कार्ड जारी करना अनिवार्य है। 33212 खातों में 23382 रूपे कार्ड जारी किये गये हैं। बैंक शेष खातों के विरूद्ध भी जल्द से रूपे कार्ड जारी करें। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के परियोजना निदेशक शिव ठाकुर ने कहा कि जिला को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 505 लाख रुपये के ऋण प्रदान करने का लक्ष्य है।
जिला में 500 स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे। बीते सितम्बर तक 32 स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर कुल 54.05 लाख के ऋण प्रदान किये गए हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों को स्वयं सहायता समूहों के लिये ऋण की अस्वीकृति के संबंध में तुरंत से संबंधित विभाग को सूचित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समूहों की महिलाएं खण्ड विकास अधिकारियों से ऋण की अनुसंशा करवाकर बार-बार बैंकों के चक्कर काटती हैं, लेकिन ऋण प्राप्त नहीं होता या फिर अनावश्यक देरी हो जाती है। बैंक शाखाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि ब्याज में छूट सभी पात्र खातों में पहुंच चुकी है।
उन्होंने बैंकों से एनएलआरएम के तहत साक्षरता शिविरो का आयोजन करने को कहा। कुछ बैंक अधिकारियों की बैठक में अनुपस्थिति को अतिरिक्त उपायुक्त ने गंभीरतापूर्वक लिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की महत्वपूर्ण बैठकों में अधिकारियों को निजी तौर पर बैठक में आना चाहिए क्योंकि मुद्दे आम जनमानस से जुड़े होते हैं।
बैठक में अवगत करवाया गया कि बुनकर मुद्रा योजना के तहत 15.50 लाख रुपये के 13 मामले स्वीकृत किये गये हैं। सभी बैंकों को मुद्रा योजना के तहत दो लाख रुपये तक के ऋण पर ब्याज सब्सिडी क्लेम करने को कहा गया। प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय कार्यबल समिति द्वारा विभिन्न बैंक शाखाओं के लिये कुल 48 मामले अनुमोदित किये हैं जिनमें से 175.17 लाख रुपये के 30 मामले स्वीकृत हुए हैं।
अन्य मामलों को जल्द स्वीकृत करने को कहा गया। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 95 हजार खातें जोड़े जा चुके हैं। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के तहत 28966 बैंक खाते संबंद्ध किये गये हैं। असंगठित क्षेत्र में अटल पेंशन योजना के तहत 12249 खातों को जोड़ा गया है। नाबार्ड के डीडीएम ऋषभ ठाकुर ने अनेक मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी व बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहे।