मांगों को लेकर विवि के बाहर एबीवीपी ने किया शव प्रदर्शन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन की नीतियों के विरुद्ध शव प्रदर्शन किया। इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि यह सब प्रदर्शन विश्वविद्यालय के द्वारा जिस तरह से छात्रों के भविष्य को दरकिनार करते हुए तानाशाही फैंस के लिए जा रहे हैं तो यह सब प्रदर्शन छात्रों के भविष्य का प्रतीकात्मक है।
पिछले कई दिनों से अभाविप के कार्यकर्ता कुलपति से मिलना चाहते हैं लेकिन अभी तक कुलपति सामने नहीं आ रहे हैं और उल्टा पुलिस प्रशासन का छात्रों के विरुद्ध इस्तेमाल किया जा रहा है। शनिवार के दिन छात्रों के साथ मारपीट की जाती है जिसमें विद्यार्थी परिषद के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं , उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए।
विशाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पहले पीजी प्रवेश परीक्षा के नाम पर 1.5 करोड़ छात्रों से वसूल किए और अब मेरिट आधारित दाखिले कर रहा है। अभाविप का स्पष्ट रुख है कि पीजी दाखिलों में प्रवेश परीक्षा होनी चाहिए , अनेकों ऐसे छात्र हैं जो सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेते हैं चाहे वो कला हो या खेल का क्षेत्र या अन्य गतिविधियाँ।
ऐसे छात्र कक्षा में कम मौजूद होने की वजह से असेसमेंट में कम अंक अर्जित करते हैं जिससे उनके कुल अंक व ग्रेड भी अन्य छात्रों से कम बनता है, तो वहीं अनेकों ऐसे छात्र भी हैं जो दिन भर दिहाड़ी लगाकर अपनी पढ़ाई का खर्चा देते हैं और रात में पढ़ाई करते हैं लेकिन असेसमेंट उनकी भी कम होती है , ऐसे में मेरिट आधारित दाखिले व्यवहारिक नहीं हैं और हजारों छात्र बिना प्रतिस्पर्धा के ही दाखिले की दौड़ से बाहर हो गए हैं।
एबीवीपी का कहना है कि परीक्षा परिणामों की बात करें तो अभी विश्वविद्यालय ने सिर्फ यूजी छटे सेमेस्टर का आधा अधूरा परिणाम घोषित किया है , रिअपीयर के कोई भी परिणाम घोषित नहीं हुए हैं तो साथ ही साथ बीबीए , बीसीए जैसे कोर्सेज में तो छटे सत्र का भी परिणाम घोषित नहीं हुआ है। विशाल ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इसी तरह अपनी तानांशाही पर अड़ा रहा तो अपने आंदोलन को अभाविप आने वाले दिनों में और उग्र करेगी।