यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 31-05-2023
हिमाचल प्रदेश के जिले में पकड़ी गई नकली स्टीकर और होलोग्राम वाली शराब के तार मंडी जिला के बहुचर्चित जहरीली शराब के मामले से जुड़ गए हैं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने बहुचर्चित जहरीली शराब मामले के मुख्य आरोपी गौरव मिन्हास से यह शराब खरीदी थी। पुलिस अब कांगड़ा के पालमपुर निवासी गौरव की तलाश में जुटी हुई है। दबिश के दौरान गौरव घर से गायब मिला है। जहरीली शराब पीने से मंडी में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में गौरव उच्च न्यायालय से अभी जमानत पर चल रहा है। यही नहीं, जांच में यह भी पता चला है कि मंडी जिला में ही नकली स्टीकर प्रिंट होकर आगे पहुंचाए गए हैं। वहीं, नकली स्टीकर और होलोग्राम वाली शराब के साथ गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने ऊना में पुराना होशियारपुर रोड स्थित एक गोदाम में स्प्रिट से भरे दस ड्रम भी जब्त किए गए हैं।
स्प्रिट के सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे हैं। स्प्रिट की यह खेप उत्तराखंड के रुद्रपुर से ऊना पहुंची है। यह खेप ट्रांसपोर्ट कंपनी के एक गोदाम में पड़ी थी। अभी तक की जांच में सामने आया है कि गौरव मिन्हास दोनों आरोपियों के संपर्क में था और उनसे फोन पर बातचीत कर रहा था। गौरव ऊना भी आया था। बीते कुछ दिन से लगातार गौरव यहां आ रहा था। गौरव का नाम सामने आने के बाद जिला पुलिस ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग को पत्र लिखकर शराब की जांच करवाई तो यह मामला उजागर हुआ। ऊना में प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि बीते 27 मई को मोहित राजपूत निवासी ऊना और अश्वनी कुमार निवासी नंगल के विरुद्ध पुलिस थाना ऊना में केस दर्ज किया था। इसमें पुलिस दल ने आरोपियों की बोलेरो गाड़ी से वीआरवी मार्का देसी शराब की 45 पेटियां बरामद की थीं। प्रारंभिक जांच में मोहित राजपूत ने बताया कि उसने यह शराब गौरव मिन्हास ऊर्फ गोरू से खरीदी है।
सूचना के आधार पर शराब की बोतलों पर लगे लेबल और होलोग्राम का सत्यापन जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्त से करवाया गया। उन्होंने बताया कि बोतलों पर लगे लेबल और होलोग्राम नकली हैं। एसपी ने बताया कि 28 मई को मोहित राजपूत और अश्वनी पुलिस दल को औद्योगिक क्षेत्र मैहतपुर के प्लॉट 60 में बने एक गोदाम में लेकर गए। यहां गवाहों की उपस्थिति में तलाशी के दौरान पुलिस ने वीआरवी मार्का देसी शराब की 375 अतिरिक्त पेटियां बरामद कीं। उसी जगह पर होलोग्राम और वीआरवी उद्योग के लेबल लगे टेप जले पाए गए। जांच के दौरान पाया गया कि गोदाम में चार श्रमिक कार्य करते थे जो अब गायब हैं। उनके मोबाइल भी बंद हैं। उन्हें उसी दिन सुबह गोदाम के आसपास देखा गया था। गोदाम का रेंट एग्रीमेंट आरोपी अश्वनी के नाम पर था जो गौरव मिन्हास की अनुशंसा पर किया गया था। एसपी ने बताया कि नकली होलोग्राम और स्टिकर वाली शराब कहां बनाई गई, इसका अभी पता नहीं चल पाया है।
बता दें कि मंडी में पूर्व में सामने आए जहरीली शराब मामले के तार ऊना से भी जुड़े थे। इसी मामले के मुख्य आरोपी की भूमिका अब पुलिस ऊना जिले में मिले नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर शराब को लेकर पता लगा रही है। बताते है कि जिले में पकड़ी गई नकली स्टीकर और होलोग्राम वाली शराब के मामले में शातिर अपनी गलतियों से ही पकड़े गए। संतरा देसी शराब के असली और नकली स्टीकर में काफी अंतर है। असली मार्का में पत्तों का रंग गहरा है जबकि नकली में यह रंग फीका है। इसी तरह नकली स्टीकर में ड्रिंक की स्पेलिंग अंग्रेजी में गलत लिखी गई है। नकली मार्का वाली शराब के दाम भी कम अंकित हैं।
ऊना में प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि नकली और असली शराब बोतल में फर्क करना मुश्किल है। इस दौरान उन्होंने नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर वाली और असली शराब की बोतल रखकर इसकी पहचान भी करवाई। एसपी ने बताया कि नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर वाली शराब के स्टीकर में कुछ गलतियां हैं। इन्हें देखकर इसका पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर वाली शराब है तो इसे आबकारी विभाग को सौंप दें। इस तरह की शराब का सेवन न करें। नकली मार्का और स्टिकर वाली शराब बरामदगी के बाद शराब ठेकेदारों ने भी इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है।