मंडी में फिर से शुरू होगा चट्टानी नमक का उत्पादन, पाकिस्तान पर नहीं रहेगी निर्भरता
काले नमक के लिए देश को अब पाकिस्तान पर निर्भर नहीं रहना होगा. अब हिमाचल के काले (चट्टानी) नमक का फिर से उत्पादन शुरू होगा। जिला मंडी के द्रंग और गुम्मा की चट्टानी खानों में फिर से तीन माह में नमक उत्पादन शुरू होगा। शुरुआती में इन खानों में 10 से 12 टन तक उत्पादन किया जाएगा। धीरे-धीरे इनकी क्षमता एक हजार टन तक बढ़ाई जाएगी। उत्पादन के बाद इसका निर्यात देश के अन्य राज्यों के साथ विदेशों में भी किया जाएगा। वर्तमान में सेंधा नमक पड़ोसी मुल्कों से आयात किया जाता है।
जिला मंडी में बुधवार को सरकार के प्रतिनिधियों और हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक में हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक में सांसद रामस्वरूप शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) रामसुभाग सिंह, दिल्ली से संयुक्त सचिव भारत सरकार राधा कुमारी, हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड के सीएमडी कमलेश, सॉल्ट कमिश्नर उदय और उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर मौजूद रहे।
सांसद रामस्वरूप ने कहा कि 2014 से इन खानों को शुरू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन खदानों के लिए साढ़े तीन करोड़ स्वीकृत हुए थे। इससे कार्य शुरू किया गया था और बाद में 2018 में उत्पादन बंद करना पड़ा था।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग रामसुभग सिंह ने आश्वासन दिया कि ये खानें पुन: शुरू करने के लिए उद्योग विभाग औपचारिकताओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएगा और संचालन की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।
हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड के सीएमडी कमलेश ने बताया कि कंपनी के पास गुम्मा और द्रंग में लगभग 133 एकड़ भूमि लीज पर है। इस पर पुन: साल्ट प्रोडक्शन शुरू होगी। डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने नमक उत्पादन के उपयोग में लाई जाने वाली जमीन की वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। साथ ही आश्वासन दिया कि प्रशासन इस दिशा में सभी कार्यों को मुस्तैदी से निपटाएगा।