यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 15-04-2022
प्रदेश के कई कोचिंग सेंटरों में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए नियुक्त फैकल्टी भी कई जगह अयोग्य है। कोचिंग सेंटरों में फीस मनमाफिक ली जा रही है। कई अभिभावकों ने निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग से कोचिंग सेंटरों पर शिकंजा कसने की मांग करते हुए इस तरह की शिकायतें की हैं। आयोग ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश में बिना पंजीकरण चल रहे हजारों कोचिंग सेंटरों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है।
रिकॉर्ड मांगने के बावजूद जानकारी नहीं देने वाले इन सेंटरों पर उपायुक्तों के साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी। शिकायतों के अनुसार प्रदेश में हजारों कोचिंग सेंटर अनियमित तरीके से चलाए जा रहे हैं। अधिकांश का पंजीकरण नहीं है। सेंटरों में मानक के अनुरूप सुविधाएं नहीं हैं। बैठने का स्थान, पार्किंग, शौचालय और फैकल्टी का अभाव है। कई सेंटरों का पंजीकरण तक नहीं है। गली-मोहल्लों में दर्जनों कोचिंग सेंटर खोले गए हैं। विद्यार्थियों को कई सेंटरों में पर्याप्त स्थान न होने के बावजूद दाखिले दिए गए हैं।
इन शिकायतों पर आयोग ने कोचिंग सेंटरों को पत्र जारी कर आवष्यक दस्तावेज जमा करवाने को कहा था, लेकिन किसी भी सेंटर की ओर से जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है। ऐसे में अब आयोग ने जिला उपायुक्तों के माध्यम से इन सेंटरों पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू की है।
प्रदेश सरकार से भी मामले की शिकायत की गई है। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि जल्द ही कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा।