मिसाल : जब मंदिर परिसर में गूंजा कबूल है-कबूल है, सत्यनारायण मंदिर में मुस्लिम दंपति ने किया निकाह
देव भूमि हिमाचल में हिंदू मुस्लिम भाई चारे की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है , जो उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो देश को सांप्रदायिकता के नाम पर विभाजित करते
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 06-05-2023
देव भूमि हिमाचल में हिंदू मुस्लिम भाई चारे की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है , जो उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो देश को सांप्रदायिकता के नाम पर विभाजित करते हैं। देव भूमि हिमाचल के शिमला जिला के रामपुर बुशहर में एक मुस्लिम परिवार ने सत्यनारायण मंदिर में विभाग कर एक मिसाल कायम की है।
मजेदार बात तो यह है कि जहां देश भर में कुछ सांप्रदायिक संगठन आपसी भाईचारा और सद्भाव खराब करने के लिए विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों को निशाना बनाते हैं। वही रामपुर बुशहर कि जिस सत्यनारायण मंदिर में मुस्लिम दंपत्ति का विवाह हुआ उस मंदिर में ही ना केवल विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय हैं , बल्कि इस मंदिर का संचालन भी विश्व हिंदू परिषद द्वारा ही किया जाता है।
हिंदूत्ववाद वाले ऐसे संगठनों के पदाधिकारियों ने ही लड़की के माता-पिता की मांग पर उन्हें मंदिर के हॉल में निकाह करवाने की स्वीकृति प्रदान की। मंदिर परिसर में बने हॉल में ही मौलवी, वकील और दोनों पक्षों के लोग एकत्र हुए। यहीं पर मौलवी ने दोनों का निकाह पढ़वाया और वकील की देखरेख में सभी रस्में पूरी की गई।
इस निकाह के सत्य नारायण मंदिर परिसर में सम्पन्न होने से जहां रामपुर में रह रहा मुस्लिम समाज काफी खुश है। वहीं हिंदू धर्म ने भी इसे सकारात्मक तरीके से लिया है। इस निकाह की खास बात ये है कि पूरी रस्में विश्व हिंदू परिषद अधिकृत मंदिर परिसर में मौलवी द्वारा पूरी की गई। वर-वधु की ओर से कबूल है , कबूल है... कहा गया और निकाह संपन्न हुआ। इसके बाद वर और वधु के परिजनों ने एक-दूसरे को गले लगाकर निकाह संपन्न होने की बधाई दी। बाद में मंदिर परिसर में शाकाहारी प्रीति भोज का आयोजन किया गया।
रामपुर के सत्यनारायण मंदिर में मुस्लिम जोड़े का यह निकाह तीन मार्च को पढ़ा गया। इसमें न केवल लड़का-लड़की के मुस्लिम परिजन शामिल हुए, बल्कि इलाके के हिंदू लोगों ने भी नव दंपत्ति को आर्शीवाद दिया। मंदिर में हुए इस मुस्लिम निकाह चर्चा पूरे प्रदेश में है और हर कोई सर्वधर्म समभाव की सराहना कर रहा है। परिवार की ओर से इसके लिए बाकायदा कार्ड छपवाए गए थे।
कार्ड में ही मंदिर में निकाह किए जाने का साफ-साफ जिक्र था। जानकारी के मुताबिक रामपुर में सबीहा मलिक एवं महेंद्र सिंह मलिक की बेटी नयामत मलिक एमटेक, सिविल इंजीनियर है। नयामत के पति राहुल शेख भी सिविल इंजीनियर हैं, जो चंबा में चुवाड़ी के रहने वाले हैं। दोनों परिवारों की रजामंदी से मंदिर के हॉल में यह निकाह करवाया गया।
इस शादी के तहत एक मार्च की शाम को मामा स्वागत हुआ और रात को बटने की रस्म अदा की गई। अगले दिन 2 मार्च को रिश्तेदारों व रामपुर के लोगों के लिए धाम रखी गई थी, जबकि रात को मेहंदी लगाई गई। मंदिर न्यास के महासचिव विनय शर्मा कहते हैं कि सत्य नारायण मंदिर परिसर में अक्सर शादियां आयोजित की जाती हैं।
शादी के आयोजकों को नियमानुसार अनुमति दी जाती है ताकि मंदिर की गरिमा बनी रह सके। शर्मा ने कहा कि यह निकाह हिंदू-मुस्लिम रिश्ते को मजबूत करने के लिए एक बड़ा उदाहरण है। यहां ऐसा पहली बार हुआ कि मंदिर परिसर में मुस्लिम समुदाय से संबंधित किसी की शादी हुई हो।