रात को टॉर्च के सहारे बारिश के बीच कुर्सी पर उठा 20 किमी दूर सड़क तक पहुंचाई बीमार महिला
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के शाक्टी गांव में सड़क सुविधा न होने से बीमार महिला को ग्रामीणों ने भारी बारिश के बीच डंडे के सहारे कुर्सी पर उठाकर 20 किलोमीटर पैदल सफर कर मुख्य सड़क निहारनी तक पहुंचाया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 16-07-2022
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के शाक्टी गांव में सड़क सुविधा न होने से बीमार महिला को ग्रामीणों ने भारी बारिश के बीच डंडे के सहारे कुर्सी पर उठाकर 20 किलोमीटर पैदल सफर कर मुख्य सड़क निहारनी तक पहुंचाया। ग्रामीण रात के अंधेरे में टॉर्च के सहारे पथरीले रास्तों से होकर पांच घंटे पैदल चले।
इसके बाद 108 एंबुलेंस की सहायता से महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगवाईं पहुंचाया गया। जहां से एक अन्य एंबुलेंस में महिला को क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू पहुंचाया गया। अब महिला की हालत ठीक है। गत वीरवार शाम को अचानक महिला वीना देवी को पेट में दर्द हुआ। दर्द सहन न होने पर उसे अस्पताल पहुंचाना जरूरी था।
ग्रामीण हीरा चंद, डोले राम, मनी राम, जीत राम, मोती राम, लग्न चंद राणा व भाग चंद कहना ने बताया कि भारी बारिश के बीच महिला को मुख्य सड़क तक पहुंचाना किसी जोखिम से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और प्रशासन से कई बार शाक्टी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की गई है, लेकिन आज तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। गांव के लिए सड़क सुविधा न होना सबसे बड़ी परेशानी है।
आजादी के बाद भी शाक्टी गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। ग्रामीण रोजमर्रा समेत अन्य सामग्री को स्पैन, घोड़े और पीठ पर उठाकर ही घर पहुंचाते हैं। उन्हें अतिरिक्त पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं। वहीं, गांव में बिजली की सुविधा भी नहीं है। देवधार वार्ड के पंचायत समिति सदस्य धर्मपाल ने बताया कि सड़क सुविधा न होने के कारण ग्रामीण परेशान हैं।
ग्रामीण हेमंत नेगी, सुनील कुमार व सुरेश ने बताया कि आपातकालीन स्थिति में दर्जनों बार मरीजों को कुर्सी या पालकी पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया है। कई बार मरीजों को समय पर उपचार न मिलने के कारण उनकी मौत भी हुई है।
उधर, 108 एंबुलेंस में तैनात फार्मासिस्ट हेमराज राज नेगी बताया कि महिला को एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया है। बंजार के उपमंडल अधिकारी पीसी आजाद ने बताया कि शाक्टी मरोड़ गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की कवायद चली है।