रबी की फसल घरों में आने से किसानों के खिले चेहरे, हर्षोल्लास के साथ मनाया महापर्व
प्रीति चौहान - पांवटा साहिब 13-04-2021
आज से जहां नवरात्र का पर्व शुरू हुआ तो वहीं दूसरी तरफ बैसाखी के त्यौहार की भी बड़ी धूम रही। आज के दिन की एक अलग ही महत्वपूर्णता है,
क्योंकि आज का दिन वैशाखी के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन सिख धर्म की नींव भी रखी गई।
हिंदू धर्म के मुताबिक आज के दिन नव वर्ष की शुरुआत होती है। यही नहीं बल्कि सबसे लंबे समय तक खेतों में रहने वाली गेहूं की रबी फसल किसानों के घरों में आती है। जिससे किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठते हैं।
इसी कड़ी में गुरु गोविंद सिंह गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में भी इस पर्व को बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इसके लिए गुरुद्वारा में दूरदराज शहरों से लोग पहुंचे थे।
सिख धर्म के इतिहास के मुताबिक सिख धर्म की स्थापना आज ही के दिन हुई थी। सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी अमृत की दात तैयार करके आज ही के दिन गोविंद राय से गोविंद सिंह बने थे। इसी कारण वर्ष इस दिन को सिख धर्म में भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
वहीं गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान ने बताया कि गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब की इतिहास की यादों को संजोए रखा है,जो कि ऐसे उत्सवों के माध्यम से तरोताजा होती है।
इसी कड़ी में उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी कोरोना को लेकर भी अलर्ट हो चुकी है। बीते दिन गुरुद्वारा में सैनिटाइजेशन टनल स्थापित की गई। जिससे की बाहर से आने वाले लोगों का मुख्य द्वार पर सर्व प्रथम सैनिटाइजेशन होता है।