राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्रभावितों ने भूमि का चार गुणा मुआवजा को लेकर सरकाघाट तहसीलदार को सौंपा माँग पत्र

राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्रभावित किसान संघर्ष समिति और हिमाचल किसान सभा ने अपनी मांगों बारे तहसीलदार सरकाघाट को माँग पत्र सौंपा

राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्रभावितों ने भूमि का चार गुणा मुआवजा को लेकर सरकाघाट तहसीलदार को सौंपा माँग पत्र

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला      09-09-2022

राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्रभावित किसान संघर्ष समिति और हिमाचल किसान सभा ने अपनी मांगों बारे तहसीलदार सरकाघाट को माँग पत्र सौंपा। जिसका नेतृत्व पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह सँघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्ण चन्द पराशर और किसान सभा के अध्यक्ष दिनेश काकू ने किया। 

माँगपत्र के माध्य्म से सरकार व प्रशासन से मांग की गई कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग की जद में आ रही भूमि का किसानों को चार गुणा मुआवजा दिया जाए और मकान तोड़ने के लिए निर्धारित राशी जल्दी जारी की जाये।

भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्धारा वर्तमान में कहीं एक विश्वा जमीन के 40 हज़ार रुपये तो कहीं छह लाख रुपये दिए जा रहे हैं।संघर्ष समिति की मांग है कि किसानों को उनकी भूमि का अधिकतम मूल्य दिया जाए और एक सर्कल में एक तरह की राशी दी जाए। वर्तमान में ये राशि अलग अलग दरों पर दी जा रही है। 

इसके अलावा प्रस्तावित उच्च मार्ग के निर्माण की सही तरीके से विभाग ने निशानदेही भी नहीं दी है जिसके कारण रोड कटिंग में लगी कम्पनी अपनी मनमर्ज़ी से कटिंग कर रही है।

समिति ने मांग की है कि उन्हें ज़मीन का अक्स ततिमा उपलब्ध करवाया जाए ताकि उन्हें  उच्च मार्ग के लिए ली गई उनकी ज़मीन की सही जानकारी प्राप्त हो सके।इसके अलावा दूसरा माँगपत्र राष्ट्रपति को भेजा गया जिसमें भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के सभी प्रावधानों को हिमाचल प्रदेश में लागू करने की मांग की गई। 

इसके अलावा ज़िला स्तर पर समन्वयन समितियां गठित करने, नये मेगा प्रोजेक्ट लगने पर सोशल इम्पेक्ट सर्वे करवाने,भूमि और मकानों का मुआवजा बिना डेप्रिसिएशन के दिया जाए,उच्च मार्ग के बाहर निर्माण के कारण हो रहे  नुकसान का मुआवजा दिया जाये, भूमि अधिग्रहण प्लान के अनुसार ही किया जाए, उच्च मार्ग के 30 मीटर दूर तक लागू टीसीपी क़ानून को निरस्त किया जाये।

संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्ण चन्द पराशर ने बताया कि अगर उनकी मांगों पर प्रशासन जल्दी कार्यवाई नहीं करता है तो 15 सितंबर को शिव मंदिर सरकाघाट में प्रभावित किसानों का सम्मेलन आयोजित किया जायेगा और उसमें आंदोलन शुरू करने की रणनीति तैयार की जायेगी।