लंबे अरसे से बॉर्डर एरिया पर डटे कर्मचारियों की होगी ट्रांसफर , सीएम ने सभी विभागों से मंगाई लिस्ट 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी विभागों को राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में से उन कर्मचारियों के तबादले करने के निर्देश दिए हैं, जिनका सामान्य कार्यकाल पूरा हो चुका है। ये तबादले सरकारी कर्मचारियों के लिए 2013 से लागू तबादला सिद्धांतों के प्रावधानों के अनुसार ही होंगे

लंबे अरसे से बॉर्डर एरिया पर डटे कर्मचारियों की होगी ट्रांसफर , सीएम ने सभी विभागों से मंगाई लिस्ट 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  30-04-2023

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी विभागों को राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में से उन कर्मचारियों के तबादले करने के निर्देश दिए हैं, जिनका सामान्य कार्यकाल पूरा हो चुका है। ये तबादले सरकारी कर्मचारियों के लिए 2013 से लागू तबादला सिद्धांतों के प्रावधानों के अनुसार ही होंगे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से इस बारे में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्त, जिलाधीशों और स्वायत्त संस्थानों के मुखियाओं को आदेश जारी किए गए हैं। 
 
 
इसमें कहा गया है कि सरकार के ध्यान में ऐसा आया है कि विभाग ऐसे कर्मचारियों को बॉर्डर एरिया से ट्रांसफर नहीं कर रहे हैं, जो अपना नॉर्मल टेन्योर पूरा कर चुके हैं। इसलिए सभी विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करें और मिनिस्टर इंचार्ज के माध्यम से मुख्यमंत्री को इस बारे में केस भेजे जाएं। इस प्रक्रिया में यह ध्यान रखा जाए कि बॉर्डर एरिया में काम प्रभावित न हो और इन कर्मचारियों व अधिकारियों का विकल्प वहां मिल जाए। 
 
 
हालांकि इसके साथ ही मुख्य सचिव की ओर से तबादलों से संबंधित एक और निर्देश ट्रांसफर पर बैन के जारी किए गए हैं। वर्तमान में तबादलों पर प्रतिबंध चल रहा है और सिर्फ मुख्यमंत्री के आदेश से ही तबादले हो सकते हैं। इसलिए मुख्य सचिव ने सभी विभागों से कहा है कि ट्राइबल और हार्ड एरिया में पद भरने के लिए या वैकेंसी को भरने के लिए ही तबादले किए जाएं और यह तबादले भी मुख्यमंत्री की अनुमति से हों। अन्य तबादलों पर बैन ही रहेगा। 
 
 
राज्य सरकार की ओर से बॉर्डर एरिया के लिए जारी किए निर्देशों का कारण भी है। वर्तमान में हेल्थ के ड्रग्स रेगुलेशन और आबकारी एवं कराधान जैसे विभागों में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों का सबसे ज्यादा ओवर स्टे है। पूर्व भाजपा सरकार के दौरान भी यह तबादले नहीं किए गए थे। यह मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में आने के बाद अब लिखित में आदेश जारी हुए हैं। इस बारे में विधानसभा के बजट सत्र में भी मामला उठा था।