लाहौल में तीन छात्रों के लिए एक शिक्षक, प्राथमिक स्कूलों में औसतन मात्र छह विद्यार्थी

लाहौल में तीन छात्रों के लिए एक शिक्षक, प्राथमिक स्कूलों में औसतन मात्र छह विद्यार्थी
यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू  16-02-2021
 
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र लाहौल घाटी के लोगों की अपने नौनिहालों को निजी स्कूलों में पढ़ाने की रुचि बढ़ रही है। पिछले करीब डेढ़ दशक में यहां के 37 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में ताला लग गया है। अभी भी घाटी के कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जो दो से तीन बच्चों के सहारे चल रहे हैं। ऐसे में समस्या शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए भी कम नहीं है।
 
उन्हें स्कूलों में अध्यापकों को समायोजित करने में परेशानी हो रही है। स्कूलों में कहीं दो बच्चों के लिए तीन तो कहीं एक बच्चे के लिए दो अध्यापक तैनात हैं। हालांकि, घाटी के करीब 40 फीसदी लोग कुल्लू, मनाली में ही अपने बच्चों की पढ़ाई करवाने के लिए वहीं रह रहे हैं। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की संख्या में लगातार कमी चिंता का विषय बन गई है।
 
केलांग खंड-1 में 34 प्राथमिक पाठशालाओं में 146, खंड-2 के 31 स्कूलों में 124, उदयपुर खंड में 47 पाठशालाओं में 402 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वर्तमान में 112 प्राथमिक विद्यालयों में 672 बच्चे ही पढ़ाई कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा अधिकारी निरीक्षण सेल के शाम लाल राश्पा ने डेढ़ दशकों के भीतर लाहौल में 37 स्कूल बंद होने की पुष्टि की है।
 
उन्होंने कहा कि बच्चे न होने से प्राथमिक स्कूल छीका, रारिक, केलद, तिन्नो, ग्रिमस, प्यासो, छेलिंग, लपचांग, गुस्क्यार, ग्वाजंग, कोकसर, जुगलिंग, मरिज्ञयद, खिनंग, फुगतल, टिलिंग, दालंग, बरगुल, सकर, वारी, मरबल, रवालिंग, ठपाक, राशेल, रापड़िंग, लिंडूर, चेवर, ओथंग, क्वांग, चैंबक, शुक्टो, बलगोट, शेनुर, अपर छालिंग, खंगसर-2, तेलिंग और डिंफुग बंद हो गए हैं। लाहौल में 112 प्राथमिक स्कूलों में 672 विद्यार्थियों को 235 शिक्षक पढ़ा रहे हैं। यानी, एक शिक्षक के जिम्मे 3 बच्चे आ रहे हैं।
 
घाटी में तीन स्कूल ही ऐसे हैं, जहां 20 से ज्यादा छात्र संख्या है। सरकार ने अन्य जिलों में नियम बना रखे हैं कि जहां 20 से कम बच्चे हैं, उन स्कूलों को बंद करने के बारे में सोचा जा सकता है। हालांकि, गैर बोर्ड वाली छोटी कक्षाओं में पास-फेल की बजाय असेसमेंट के आधार पर सभी बच्चे अगली कक्षा में भेज दिए जाते हैं।