स्कूल की प्रताड़ना से परेशान डिप्रेशन की शिकार हुई पांचवी की छात्रा, अस्पताल में दाखिल

स्कूल की प्रताड़ना से परेशान डिप्रेशन की शिकार हुई पांचवी की छात्रा, अस्पताल में दाखिल

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   25-03-2020

कोरोनाकाल के बीच वार्षिक फंड की अदायगी न करने पर पांचवीं कक्षा की एक बच्ची को स्कूल प्रबंधन ने इतना प्रताड़ित किया कि वह मानसिक तनाव में चली गई। छात्रा का अब इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला में उपचार दिया गया। 

यह सनसनीखेज आरोप बच्ची के अभिभावकों ने लगाए हैं, जिसे लेकर जांच शुरू है। डीसी ने इस मामले की छानबीन के शिक्षा उपनिदेशक को निर्देश दिए हैं। चिकित्सकों ने अभिभावकों को हिदायत दी है कि वे बच्ची को अकेला न छोड़ें। 10  साल की इस बच्ची के अभिभावक स्कूल का वार्षिक फंड जमा नहीं कर पाए हैं। 

पिता किशन ने बताया कि उनकी बेटी रात को घबराकर उठ खड़ी होती है। चिकित्सकों ने बच्ची के तनाव में चले जाने की बात कही है। उन्होने आरोप लगाया कि वार्षिक फंड न चुकाने पर उनकी बच्ची को प्रताड़ित किया गया। 

छात्रा ने बताया कि 19 मार्च को गणित की परीक्षा थी। उसे परीक्षा हाल में 20 मिनट देरी से प्रश्नपत्र दिया। पेपर पूरा करने के बाद उसे साढ़े नौ से साढ़े 11 बजे तक अलग कमरे में बिठाया।

प्रधानाचार्य ने वार्षिक फंड चुकाने पर ही अन्य बच्चों के साथ बिठाने की बात कही। माता ने कहा कि बच्ची उस दिन रोती हुई घर आई। बच्ची के पिता ने 20 मार्च को इसकी डीसी और शिक्षा उपनिदेशक को लिखित शिकायत दी थी। 

22 मार्च को उन्हें डीसी ने दफ्तर बुलाया था, जहां उपनिदेशक के समक्ष सारी घटना बताई। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। डीसी आदित्य नेगी ने कहा कि अभिभावक शिकायत लेकर आए थे। इसके बाद उपनिदेशक उच्च शिक्षा को बुलाकर पूरी छानबीन करने के निर्देश दिए हैं।

आईवी स्कूल के प्रबंधक विशाल चौहान ने कहा कि षड्यंत्र के तहत यह बच्ची का इस्तेमाल कर सहानुभूति पाने का प्रयास है। डीसी के सामने वह अपना पक्ष रख चुके हैं कि सरकार के आदेशों के अनुसार ही फीस मांगी है।