शिकार से बैन हटते ही मछली कारोबारी ने पकड़ी रफ्तार, पहले दिन ही कमाए 30 लाख
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-08-2020
हिमाचल के सभी छोटे बड़े जलाशयों में मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध हटने के बाद पहले ही दिन रविवार को लगभग 30 लाख का कारोबार दर्ज किया गया है। इस बार प्रदेश के सभी जलाशयों में 19 मीट्रिक टन मछली की पैदावार हुई है।
अकेले गोबिंदसागर में पिछले साल की तुलना में इस बार एक मीट्रिक टन अधिक बढ़ोतरी हुई है। बिग हैड प्रजाति की मछली 40 किलोग्राम पाई गई है।जलाशयों में पानी लबालब भरा होने के चलते मछली की ब्रीडिंग सही हुई है।
मत्स्य निदेशालय बिलासपुर में कार्यरत निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध हट गया है और शनिवार रात को ही मछुआरों ने जलाश्यों में जाल लगा दिए थे।
रविवार को मत्स्य आखेट के पहले दिन 19 मीट्रिक टन मछली पकड़ी गई है । इस बार गोबिंदसागर में सर्वाधिक 9.3 मीट्रिक टन मछली पकड़ी गई है, जबकि पिछले साल 8.4 मीट्रिक टन थी।
इसी प्रकार पौंग डैम में 7.2 मीट्रिक टन चमेरा डैम और रणजीत सागर डैम में 2.1 मीट्रिक टन और कोलडैम में पौने तीन क्विंटल मछली पकड़ी गई है।उन्होंने बताया कि इस बार जलाशयों में पहले ही दिन तीस लाख रुपए के करीब कारोबार किया गया है,
जिसमें मछुआरों को 80 फीसदी, जबकि शेष राशि विभाग और मत्स्य सहकारी सभाओं की हिस्सेदारी बनती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के बड़े छोटे सभी जलाशयों में 58 सोसायटियों के माध्यम से मत्स्य आखेट का कार्य किया जा रहा है। जिसमें अकेले गोबिंदसागर में ही 34 सोसायटियां कार्यरत हैं। सभी सोसायटियों के अलग अलग रेट हैं।
बता दें कि मत्स्य विभाग ने बेहतर उत्पादन के मद्देनजर इस बार 16 जून से लेकर 15 अगस्त तक क्लोज सीजन के तहत मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध लगाया था,
जबकि पहले पहली जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक मत्स्य आखेट बंद रहता था। 16 अगस्त रविवार को मत्स्य आखेट से बैन हटाया गया है।
बैन हटने के बाद पहले दिन सिल्वर कॉर्प प्रजाति की बिग हैड मछली 40 किलोग्राम पाई गई है। गोबिंदसागर जलाशय में 34 मत्स्य सहकारी सभाएं कार्यरत हैं
जिनके माध्यम से सैकड़ों मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य करते हैं। कोलडैम में चार मत्स्य सहकारी सभाएं कार्यरत हैं।