शिमला के प्राथमिक पाठशाला की हालत जर्जर, हो सकता है बड़ा हादसा : गौरव शर्मा
माचल प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य की हालत बद से बदतर हो गई है। स्कूलों की खस्ताहाल दशा को लेकर आप पार्टी के कार्यकर्ता जगह-जगह निरीक्षण कर जयराम सरकार के शिक्षा मॉडल की सच्चाई जनता के सामने
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 23-05-2022
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य की हालत बद से बदतर हो गई है। स्कूलों की खस्ताहाल दशा को लेकर आप पार्टी के कार्यकर्ता जगह-जगह निरीक्षण कर जयराम सरकार के शिक्षा मॉडल की सच्चाई जनता के सामने ला रहे हैं।
शिमला के पास समोग में राजकीय प्राथमिक पाठशाला का आप प्रवक्ता गौरव शर्मा ने दौरा किया। राजकीय प्राथमिक पाठशाला की हालत एकदम खंडहर जैसी है। स्कूल इमारत एकदम जर्जर हालत में है। कही स्कूल की छत टूट रही है, तो कहीं फर्स।
स्कूल की छत की हालत ऐसी है कि किसी भी समय टूट कर नीचे गिर सकती है। लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। सरकार मासूम बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि समोग स्कूल में मात्र 7 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन जयराम सरकार उन्हें भी सुविधा देने में सक्षम नहीं है। उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। स्कूल में न तो पीने का स्वच्छ पानी है और न ही शौचालय की व्यवस्था है। स्कूल में बिल्कुल भी साफ-सफाई नहीं है
जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर जगह-जगह मंच पर जाकर कहते रहते हैं कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर बहुत बढ़िया है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है जो आम आदमी पार्टी प्रतिदिन हिमाचल की जनता के सामने लेकर आ रही है।
हिमाचल आप प्रवक्ता गौरव शर्मा ने कहा कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों की हालत इतनी खराब नहीं है कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों में न तो अच्छी शिक्षा दी जा रही है और न ही मूलभूत सुविधाएं। ऐसे में नौनिहाल कैसे शिक्षा ग्रहण करेंगे।
उन्होंने जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर सिर्फ मीडिया में बयान देने से हिमाचल के सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधरने वाली उसके लिए सरकार को काम भी करना पड़ता है।
गौरव शर्मा ने कहा शिक्षा मंत्री बोल रहे थे हिमाचल में किसी मॉडल की आवश्यकता नहीं है हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या जयराम सरकार का यही मॉडल है जिसके वो बड़े बड़े दावे करते है।
कहीं स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं तो कहीं स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। ना तो स्कूलों में साफ सफाई है और ना ही बच्चों के पीने के लिए साफ पानी की सुविधा है। यहां तक कि शौचालय अस्वछ हालत में है।