शिलाई की नाया पंचायत के दोषी दंपति को छह माह की जेल और जुर्माने की सजा
सिरमौर जिला के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने शिलाई क्षेत्र के रहने वाले एक दंपति को एससी/एसटी अधिनियम में दोषी करार देते हुए छह महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई है
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 02-06-2022
सिरमौर जिला के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने शिलाई क्षेत्र के रहने वाले एक दंपति को एससी/एसटी अधिनियम में दोषी करार देते हुए छह महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को सजा के साथ-साथ विभिन्न धाराओं में 12750 रुपए के जुर्माने की भी सजा सुनाई है। अदालत में मामले की पैरवरी जिला न्यायवादी चंपा सुरील द्वारा की गई। मामले के बारे में जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी ने बताया कि यह मामला दो अक्टूबर , 2015 का है।
जिला न्यायवादी ने बताया कि दरअसल शिकायतकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि सत्या देवी पत्नी रतन सिंह, रतन सिंह पुत्र माना राम निवासी टिक्कर ग्राम पंचायत नाया तहसील शिलाई जिला सिरमौर ने उसके मकान के समीप बनी दीवार व उसके साथ लगे तीन पिल्लर को जेसीबी मशीन से गिरा दिया था। जब शिकायतकर्ता व उसका भाई कल्याण सिंह दंपत्ति को ऐसा करने से रोकने पहुंचे तो उन्होंने जाति सूचक शब्द कहे। साथ ही जान से मारने की धमकी देकर मौके से चले जाने को कहा। इसी बीच कहासुनी भी हुई।
रिटेनिंग वॉल और तीन खंभे दंपति ने जेसीबी मशीन से गिरा दिए। मामले की तफ्तीश के बाद चालान बनाकर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने 15 गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाए गए दंपति को विभिन्न धाराओं में छह-छह माह का कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने बताया कि दोषियों को पहली धारा के तहत एक-एक माह का साधारण कारावास और 250-250 रुपए जुर्माना लगाया गया है।
जुर्माना अदा न करने की सूरत में 21-21 दिन की अधिक सजा होगी। जबकि एक अन्य धारा में दंपति को तीन-तीन माह का साधारण कारावास व 7500-7500 रुपए जुर्माना भुगतना होगा। अन्य धारा में पति-पत्नी दोनों को छह-छह महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 2500-2500 रुपए जुर्माना भी देना होगा।