सुक्खू सरकार ने मंडी और धर्मशाला रेंज में साइबर अपराध थाने किए बहाल 

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने मंडी और धर्मशाला रेंज में साइबर अपराध थाने बहाल कर दिए हैं। जयराम सरकार के एक अप्रैल 2022 के बाद के फैसलों की समीक्षा के सुक्खू सरकार के फैसले के बीच यह थाने बंद किए गए थे

सुक्खू सरकार ने मंडी और धर्मशाला रेंज में साइबर अपराध थाने किए बहाल 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     24-02-2023

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने मंडी और धर्मशाला रेंज में साइबर अपराध थाने बहाल कर दिए हैं। जयराम सरकार के एक अप्रैल 2022 के बाद के फैसलों की समीक्षा के सुक्खू सरकार के फैसले के बीच यह थाने बंद किए गए थे। राज्य सरकार के प्रधान सचिव गृह ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। 

प्रदेश में अब तीन साइबर थाने होंगे। इनमें से दक्षिण रेंज में साइबर पुलिस थाना शिमला में पहले से ही है। इसके तहत शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और बद्दी साइबर पुलिस स्टेशन होंगे। उत्तरी रेंज साइबर पुलिस थाना धर्मशाला में होगा। 

इसके तहत कांगड़ा, ऊना, चंबा और नुरपूर जिले आएंगे। इसी तरह से मध्य रेंज में साइबर पुलिस थाना मंडी में होगा।  इसके तहत मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू और लाहौल स्पीति जिले आएंगे। इन तीनों थानों का मुख्यालय राज्य आपराधिक जांच विभाग के तहत शिमला में ही रहेगा। 

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम अपराध मामलों में नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा। संबंधित अपराध की निगरानी और पर्यवेक्षण करेगा। इन साइबर पुलिस थानों में नवीनतम तकनीक हार्डवेयर, साफ्टवेयर और प्रशिक्षण का उपयोग सुनिश्चित करेगा। 

उल्लेखनीय है कि अमर उजाला ने मंडी और धर्मशाला में साइबर थानों के बंद करने का मामला प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद सरकार ने समीक्षा के बाद इन दोनों थानों को बहाल कर दिया है। 

मंडी जिला के धर्मपुर में बागवानी विभाग का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और उपनिदेशक कार्यालय को भी बंद कर दिया था। इस कार्यालय को भी 20 जनवरी को बहाल किया गया था। धर्मपुर के सिद्धपुर में शिवा प्रोजेक्ट के लिए यह कार्यालय खोला गया था। यह प्रदेश का पहला कार्यालय था। 

यह माना जा रहा है कि आगामी दिनों में कई अन्य कार्यालयों को भी बहाल किया जा सकता है। सरकार जहां इस संबंध में विपक्ष के निशाने पर है, वहीं कई क्षेत्रों में लोग भी सुविधाएं छिन जाने की दुहाई दे रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री दोहराते रहे हैं कि बिना बजट कई संस्थान खोल दिए गए हैं। इसका प्रदेश पर भी भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है।