यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 19-06-2023
हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार जूनियर बेसिक टीचर ( जेबीटी ) और स्कूलों में दो दशक से सेवाएं दे रहे वोकेशनल टीचर भी सड़कों पर उतर आए हैं। ट्रेंड जेबीटी गत शाम को ही प्रदेश सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। आज वोकेशनल टीचर ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में भर्ती स्टाफ भी बड़ी संख्या में सचिवालय पहुंचा, जो मुख्यमंत्री से पॉलिसी की मांग कर रहा है। मुख्यमंत्री ने इनका तीन महीने का एक्सटेंशन देने का भरोसा दिया। उधर, सरकार द्वारा जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को मान्यता देने से जेबीटी भड़क गए है।
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में आज तक दो वर्षीय डिप्लोमा धारक जेबीटी को ही टीचर लगाया जाता रहा है, लेकिन नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन ( एनसीटीई ) ने बीएड डिग्री धारकों को भी जेबीटी पदों के लिए मान्यता देने का निर्णय लिया है। एनसीटीई के इस निर्णय की वजह से प्रदेश में चार-पांच साल से जेबीटी को लेकर बवाल मचा हुआ है, क्योंकि प्रदेश में पहले ही हजारों की संख्या में ट्रेंड जेबीटी शिक्षक हैं। वहीं, बीएड डिग्री धारकों को आज तक ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) पदों पर नियुक्ति दी जाती रही है। एनसीटीई के निर्णय के बाद बीएड डिग्री धारकों को दोहरा लाभ हो गया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने हाल ही में जेबीटी पदों पर बीएड को भी मान्यता देने का निर्णय लिया है। इसके खिलाफ प्रशिक्षित जेबीटी ने लंबी लड़ाई करने का ऐलान कर दिया है।
इसे लेकर प्रशिक्षित बेरोजगार अदालत में भी लंबी लड़ाई लड़ चुके हैं। जेबीटी बेरोजगार संघ के अध्यक्ष मोहित ठाकुर ने बीएड डिग्री धारकों को जूनियर बेसिक टीचर पदों पर योग्य करार देने को उनके साथ धोखा करार दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहले ही 40 हजार से ज्यादा जेबीटी को नौकरी नहीं मिल रही। अब बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी पद पर नौकरी के योग्य ठहराया गया। संघ इसका विरोध करता है। प्रदेश के सैकेंडरी स्कूलों में लगभग 2200 वोकेशनल टीचर सेवाएं दे रहे हैं।
अभी इनकी सेवाएं सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के माध्यम से ली जा रही है। पंजाब और हरियाणा की तर्ज हिमाचल में भी वोकेशनल टीचर विभाग में समायोजित करने की मांग कर रहे है। इसी मांग को लेकर इन्होंने भी सचिवालय के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस दौरान वोकेशनल टीचर ने समर और विंटर वेकेशन देने की भी मांग उठाई। बता दें कि प्रदेश के कई जिलों में सर्दियों में लगभग डेढ़ महीना और कुछ जिलों में गर्मियों में डेढ़ महीने तक स्कूल बंद रहते है। बावजूद इसके वोकेशनल टीचर को स्कूलों में बुलाया जाता है।