यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 18-07-2023
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा की वजह से प्रदेश पूरे प्रदेश में भारी नुक़सान हुआ है। इस आपदा में किसानों और बागवानों को भी बहुत नुकसान हुआ है। लोगों के बगीचे में नुकसान हुआ है। खड़ी फसलें खेतों में बर्बाद हो गईं। जो बची रह गई वह सड़कें खराब होने की वजह से मंडियो में नहीं पहुंच पास रही हैं, जिसकी वजह से किसानों और बागवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। इस समय मंडियों में आने वाले सेब की ‘सेल्फ लाइफ’ अपेक्षाकृत कम होती है, इसलिए सड़कें न खुलने से इनके भी ख़राब होने का खतरा बढ़ गया है। इसलिए सरकार जल्दी से जल्दी सड़कों को सही करवा कर यातायात बहाल करवाए जिससे बागवानों और किसानों के उत्पाद आसानी से मंडियों में पहुंच सके और उत्पादक को आय हो।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा के दस दिन बाद भी बहुत सी जगहों पर अभी भी कोई सरकारी सहायता नहीं पहुंची हैं, बिजली पानी और नेटवर्क की सुविधाएं बहाल नहीं हो पाई हैं। दस दिन से बिना पानी की सप्लाई के लोग किस तरह से जीवन यापन कर रहे हैं, आज के समय में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं। लोग बारिश का पानी इकट्ठा करके अपना गुजारा कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिना बिजली, पानी, संचार और चिकित्सा सुविधाओं के बिना दस दिन से लोग सरकारी मदद का इंतज़ार कर रहे हैं लेकिन सरकारी मदद तो दूर कई गावों में आज तक सरकार का कोई प्रतिनिधि ही नहीं पहुंचा हैं। न वे लोग बाक़ी प्रदेश के बारे में जान पास रहे हैं और न ही बाक़ी प्रदेश के लोग उनके बारे में जान पा रहे हैं कि उन जगहों पर कौन सुरक्षित है कौन नहीं।
उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक स्थिति है , क्योंकि लोगों के पास जो भी संसाधन बचे थे वह भी खत्म हो रहे हैं। ऐसे में सरकार को हर हाल में ऐसे क्षेत्रों में भी तुरंत राहत पहुंचानी चाहिए। इस आपदा में प्रभावितों को सिर्फ फौरी राहत देने से काम नहीं चलेगा, बहुत नुकसान है, लोगों के घर बह गए हैं। बगीचों और फसलों को भी बहुत नुकसान हुआ है। सरकार को इस आपदा के प्रभावितों के पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। अपने लोगों के इस पुनर्वास में हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सभी मंडियों से सेब के बिक्री में बागवानों को अपने उत्पाद बेचने में समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। वागवानों के साथ कांग्रेस के विधायक नेता और मंत्री भी सरकार के फैसले की आलोचना कर रहे हैं। इसलिए सरकार बागवानों के हितों को ध्यान में रखकर रास्ता निकाले, जिससे बागवानों और किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि सरकार हर बाढ़ प्रभावित तक जल्दी से जल्दी पहुंचे और उनकी हर संभव सहायता करे। जिससे उनका जीवन फिर से पटरी लौट सके।