संत समाज के कहने पर मुझे सीएम पद से हटाया गया, पहली बार पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने तोड़ी चुप्पी 

संत समाज के कहने पर मुझे सीएम पद से हटाया गया, पहली बार पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने तोड़ी चुप्पी 

यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 11-05-2021

उत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक खास इंटरव्यू में उन क़यासों को खारिज किया, जिनमें कहा जा रहा था कि कुंभ मेले के आयोजन में उनकी सरकार की भूमिका से नाराज़ साधु संन्यासियों के दबाव में उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया।
 
इस बारे में पहली बार खुलकर बातचीत करते हुए रावत ने साफ कहा कि साधु समाज की नाराज़गी की बातें तथ्यपूर्ण नहीं हैं। रावत ने कहा कि उन्हें अखाड़ों के उनसे नाराज होने की बात वाजिब नहीं लगती. उन्होंने कहा, 'कोविड 19 को लेकर स्थितियां जितनी गंभीर रहीं, अखाड़े भी उससे वाकिफ़ रहे और कुंभ मेले के आयोजन के लिए जो भी उचित स्वरूप हो सकता था, उस पर साधु समाज राज़ी था।
 
यही नहीं, रावत ने यह भी कहा कि साधुओं ने इस बारे में उनके साथ कई बार बैठकें भी की थी। हरिद्वार में कुंभ मेले के आयोजन के कारण कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैला यानी कुंभ सुपर स्प्रेडर साबित हुआ, इस बारे में रावत ने क्या कहा कि मुझे पता था कि संक्रमण कैसे फैल रहा था इसलिए मेरी सरकार इस बारे में काफी सतर्क थी और उसी के हिसाब से योजना बना रही थी. जबकि फैक्ट्स सबके सामने हैं, तो इस बारे में मेरा बोलना मुनासिब नहीं है।
 
एक निजी चैनल को दिए विशेष इंटरव्यू के हवाले से टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक रावत ने साफ तौर पर कहा कि उनकी सरकार 'प्रतीकात्मक कुंभ' के पक्ष में थी, जिस पर साधु समाज ने भी लिखित में सहमति जताई थी और प्रधानमंत्री तक ने इसे लेकर संतोष जताया था. यह बताते हुए रावत ने कहा कि इसलिए उन्हें लगता है कि कुंभ संबंधी कारणों से उन्हें पद से नहीं हटाया गया.रावत के मुताबिक उनकी सरकार पहले तो चाहती थी कि दिव्य और भव्य स्तर पर कुंभ का आयोजन हो, लेकिन कोविड 19 के हालात के मद्देनजर प्लान कुछ इस तरह का बताया गया था कि प्रतीकात्मक कुंभ के तहत 11 मार्च, 12 अप्रैल, 14 अप्रैल और 27 अप्रैल, शाही स्नानों के सिर्फ चार दिनों का ही आयोजन किया जाए। 
 
मार्च के शुरू में ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद पर त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को लाया गया और फिर कुंभ का प्लान बदला और 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक पूरे एक महीने तक हरिद्वार में कुंभ का आयोजन हुआ, जिसमें करीब 91 लाख श्रद्धालु देश भर से इकट्ठे हुए। कुंभ मेले का आयोजन को लेकर नए सीएम ने पहले कहा था कि महाकुंभ सबके लिए है , फिर केंद्र की गाइडलाइनों के मुताबिक निगेटिव रिपोर्ट पर ही एंट्री की बात कही गई।  गौरतलब यह भी है कि सीएम बनने के अगले ही दिन तीरथ रावत शाही स्नान के लिए हरिद्वार गए थे।