सीनियर्स को सुपरसीड कर प्रबोध सक्सेना बने मुख्य सचिव , सरकार ने ईजाद किया नया फार्मूला
पूर्व जयराम सरकार के दौरान मुख्य सचिव के पद के लिए हुए सुपरसेशन के बाद आपस में उल्झी अफसरशाही को पंजाब फार्मूला लगाकर नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने काम पर लगा दिया है
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 01-01-2023
पूर्व जयराम सरकार के दौरान मुख्य सचिव के पद के लिए हुए सुपरसेशन के बाद आपस में उल्झी अफसरशाही को पंजाब फार्मूला लगाकर नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने काम पर लगा दिया है। पंजाब के बाद हिमाचल में स्पेशल चीफ सेक्रेटरी जैसा पद पहली बार इस्तेमाल हुआ है। शनिवार देर रात हुए प्रशासनिक फेरबदल में 1990 बैच के आईएएस अधिकारी और वित्त विभाग देख रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना राज्य के नए मुख्य सचिव होंगे।
उन्हें अब सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में ब्यूरोक्रेसी को संभालना है। इनके सामने चुनौतियां भी बहुत हैं। एक तरफ ओल्ड पेंशन समेत बड़े वित्तीय वादों को पूरा करना है और दूसरी तरफ खराब वित्तीय स्थिति के बीच रेवेन्यू भी जनरेट करना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह को अपना प्रिंसिपल एडवाइजर नियुक्त किया है। राम सुभाग सिंह 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में सबसे सीनियर हैं। इनके लिए स्पेशल चीफ सेक्रेट्री का पद क्रिएट किया गया है और साथ में ऊर्जा विभाग के साथ बिजली बोर्ड का चेयरमैन भी इनको लगाया गया है। सरकार की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि यह मुख्यमंत्री को राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए भी एडवाइज करेंगे।
तीसरा बड़ा आदेश 1988 बैच के आईएएस अधिकारी संजय गुप्ता को लेकर है। इन्हें भी राम सुभाग सिंह की तरह पूर्व जयराम सरकार के समय आरडी धीमान को चीफ सेक्रेटरी लगाने के बाद किनारे कर दिया गया था। इन्हें अब रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का सीएमडी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा संजय गुप्ता को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का चेयरमैन भी लगाया गया है। संजय गुप्ता और राम सुभाग सिंह मुख्यमंत्री के ओवरऑल नियंत्रण में काम करेंगे और दोनों को ही चीफ सेक्रेटरी के बराबर का रैंक दिया गया है।
हालांकि अब भी निशा सिंह को काम नहीं दिया गया है। लेकिन जिस तरह बहुत से विभाग अभी खाली पड़े हैं, उन्हें भी काम मिल जाएगा। हाल ही में राज्य सरकार से प्रधान सचिव रहे सुभाशीष पांडा और डॉक्टर रजनीश भारत सरकार में गए हैं। इनके भी कुछ महकमें अभी बाकी हैं। प्रबोध सक्सेना भी पहले एनवायरमेंट के साथ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड देख रहे थे। इसलिए एनवायरमेंट भी अभी दिया जाना है। प्रशासनिक फेरबदल के समय निशा सिंह को भी कोई और कार्यभार मिल जाएगा।