उद्योगों को आकर्षित करने के लिए नई इंडस्ट्रियल पालिसी लाएगी सरकार , रोजगार पर रहेगा फोकस
हिमाचल में नई बनी सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार से नए साल में हिमाचल को नई उम्मीदें जगी हैं। सरकार ने राज्य में निवेश बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए दो बड़े कदम उठाए हैं। नए साल के पहले ही महीने में इस बारे में फैसला हो जाएगा
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 01-01-2023
हिमाचल में नई बनी सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार से नए साल में हिमाचल को नई उम्मीदें जगी हैं। सरकार ने राज्य में निवेश बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए दो बड़े कदम उठाए हैं। नए साल के पहले ही महीने में इस बारे में फैसला हो जाएगा। सुखविंदर सिंह सुक्खू एक तरफ राज्य में औद्योगिक निवेश के लिए नया कानून बनाने जा रहे हैं और दूसरी तरफ रोजगार के लिए पांच क्षेत्रों में ओपन पॉलिसी लाई जा रही है। दरअसल पड़ोसी राज्य पंजाब अपने यहां फरवरी महीने की आखिरी हफ्ते में इन्वेस्ट पंजाब नाम से इन्वेस्टर मीट कर रहा है।
इसके लिए आजकल रजिस्ट्रेशन चल रही है। इन्वेस्टर मीट के जरिए पंजाब नए उद्योगों के अप्रूवल के साथ उन्हें वित्तीय इंसेंटिव भी देने जा रहा है। उद्योग विभाग के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इस इन्वेस्टर मीट से पहले हिमाचल में नई इन्वेस्टमेंट पॉलिसी के लिए एक कानून बनाने को कहा है। इस कानून के ड्राफ्ट पर उद्योग विभाग काम कर रहा है और जब यह फाइनल हो जाएगा, तो ऑर्डिनेंस के जरिए भी इसे पंजाब की इन्वेस्टर मीट से पहले लागू किया जा सकता है। इसमें हिमाचल ऐसे प्रावधान पहली बार करेगा, जो उद्योगपतियों या नए निवेश के लिए बिलकुल नए होंगे।
दूसरा बड़ा कदम पांच सेक्टर में ओपन पॉलिसी लाने का है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह हाइड्रो, टूरिज्म, हेल्थ , एजुकेशन और इंडस्ट्री सेक्टर में ओपन पॉलिसी चाहते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आप 50 से 100 करोड़ का प्रोजेक्ट लाना चाह रहे हैं, तो उसकी सारी अनुमति सरकार लेगी। निवेशक पटवार खाने तक धक्के नहीं खाएगा। उसको सिर्फ हिमाचली को रोजगार देना है। इसके लिए शक्तियों को डेलीगेट किया जाएगा।
धारा 118 से लेकर बाकी सभी तरह की एनओसी इसी के तहत आएंगे। इस पॉलिसी के जरिए भी राज्य में निवेश को बढ़ाने के लिए मदद मिलेगी। कांग्रेस सरकार ने अपने पांच साल के दौरान पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है। इसमें से एक लाख रोजगार सरकारी क्षेत्र में देने का वादा चुनाव घोषणा पत्र में है। इसलिए मुख्यमंत्री चाहते हैं कि निवेश पर ज्यादा ध्यान दिया जाए।
पूर्व जयराम ठाकुर सरकार के दौरान ग्लोबल इन्वेस्टर मीट धर्मशाला में 2018 में की गई थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आए थे, लेकिन नए मुख्यमंत्री कोई बड़ी मीट का आयोजन करने के बजाय जमीन पर काम करना चाहते हैं और ऐसे प्रावधान करना चाहते हैं, जिससे निवेशक भी हिमाचल को अपनी प्राथमिकता सूची में डाले।