सफेदा ओर पापुलर काटने को लगाई शर्ते हटाने की मांग पर डीएफओ से मिले किसान
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 14-07-2020
हिमाचल प्रदेश सरकार के एक नए आदेश जिस पर स्थानीय वन मंडल अधिकारी द्वारा दिनांक 26 जुलाई को एक आदेश पारित किया गया उसके द्वारा किसानों को घरेलू उपयोग और रियायती प्रजाति जैसे पॉपुलर सफेदा आदि की बिक्री पर भी ऐसी शर्ते लगा दी गई है जो बहुत हैरान करने वाली तथा गरीब किसानों के शोषण को जन्म देती हैं।
घरेलू उपयोग के लिए भी अब 1-2 पेड़ अपनी निजी संपत्ति से काटने के लिए परमिशन और बहुत से प्रमाण पत्रों की जरूरत होगी।
पॉपुलर और सफेद ए जैसी 23 प्रजातियां जो पहले हिमाचल प्रदेश में Exempted रियायती यानी कैश क्रॉप में मानी जाती थी अब उनके कटान के लिए भी नई नई शर्ते लगा दी गई है।
इनको सरकारी व रजिस्टर ठेकेदार से ही कटवाना पड़ेगा और इसके लिए पंचायत तथा पटवारखाना स्तर से लेकर रेंज अधिकारी तक कई कागज जुटाने होंगे।
इसके बाद एक पेड़ की जगह कई पेड़ लगाने होंगे और बदले में एक एफडीआर भी जमा करवानी होगी।
इस आदेश के बाद किसानों में भारी रोष है और वन विभाग के शिमला स्थित मुख्यालय से भी अधिकारियों से इस बारे में चर्चा की गई है और इसका कोई सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश जारी है।
मंडल अधिकारी के कार्यालय के द्वारा एक सरकार तथा वन विभाग के उच्च अधिकारियों को हमने एक पत्र भेजा है और इस आदेश को तत्काल लिखित रूप से वापस लेने का निवेदन किया है ताकि इससे जो भी भ्रांतियों उपजी हैं
सनद रहे कोरोना संकट काल के दौरान केवल मात्र कृषि क्षेत्र में ही अपनी जीडीपी में 100% योगदान को बनाए रखा है बल्कि इसमें इजाफा भी किया है।
जिस वजह से कम से कम देश में खाद्यान्न का संकट नहीं है और सरकारों तथा अधिकारियों को समझना होगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खाद्यान्न सुरक्षा भी उतना ही महत्वपूर्ण है। जिसमें किसानों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता।
इस मौके पर रिटायर्ड तहसीलदार जसमेर सिंह, चंद्रजोत सिंह, सर्व अमरीक सिंह, संदीप बत्रा, राजेंद्र राणा, जोगिंदर चौधरी, साजिद हाशमी, सलामदीन, लतीफ, परविंदर सिंह बिट्टू, हैप्पी सहित स्थानीय किसान शामिल हुए।