सेब का जूस निकालने के बाद बचे वेस्ट से अर्क होगा तैयार
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-05-2021
हिमाचल प्रदेश में सेब का जूस निकालने के बाद बचे वेस्ट से अर्क (एसेंस) तैयार होगा। इसका फार्मा और फूड प्रोसेसिंग उद्योगों में प्रयोग किया जाएगा। सरकार स्विट्जरलैंड से आयात की जा रही मशीनों की मदद से सेब के वेस्ट का अर्क निकालकर बेचेगी।
सरकार हर साल एचपीएमसी और हिमफेड की मदद से बागवानों से मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत सी ग्रेड का सेब खरीदती है। हिमफेड इसकी खुली नीलामी करता है, लेकिन एचपीएमसी हर साल खरीदे सेब का जूस तैयार करता है।
एचपीएमसी करीब 800 से 1200 मीट्रिक टन सेब का शुद्ध जूस तैयार कर साल भर के जूस कारोबार के लिए प्रयोग करता है।
जूस निकालने के बाद सेब के वेस्ट की सही उपयोग नहीं होता था, लेकिन अब इस पर आधारित उद्योग स्थापित किया जा रहा है, ताकि इससे अर्क तैयार किया जा सके।
एचपीएमसी जिला शिमला के पराला में 94 करोड़ से विधायन संयंत्र स्थापित कर रहा है। इसका काम शुरू कर दिया गया है। यहां जूस निकालने के बाद वेस्ट से अर्क तैयार किया जाना है।
एक अनुमान के अनुसार 12 किलो सेब से करीब एक किलो कंसंट्रेट (शुद्ध जूस) तैयार किया जाता है। इसके बाद सेब की व्यर्थ ही बचता है।
स्विट्जरलैंड की मशीनें की मदद से सेब के वेस्ट अर्क तैयार किया जाना है। स्विट्जरलैंड से कई मशीनें हिमाचल पहुंच चुकी हैं। कुछ मशीनें मुंबई में हैं। शेष आ रही हैं।
एचपीएमसी से एमडी राजेश्वर गोयल कहते हैं कि करीब 94 करोड़ के प्रोजेक्ट से पराला में विधायन संयंत्र स्थापित करने के काम शुरू हो गया है।
स्विट्जरलैंड से कई मशीनें पहुंच चुकी हैं। कुछ मशीनें अभी आ रही हैं। इस संयंत्र में पहली बार सेब के वेस्ट से अर्क तैयार कर फार्मा और फूड प्रोसेसिंग यूनिटों में इस्तेमाल होगा।