यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 08-04-2022
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को तीन निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों और दो रजिस्ट्रार समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने यह बड़ी कार्रवाई हिमाचल प्रदेश के अलावा चंडीगढ़ और हरियाणा में की है। आरोपी शनिवार को सीबीआई कोर्ट शिमला में पेश किए जाएंगे।
सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर जांच के दायरे में चल रहे सिरमौर जिले के एक संस्थान के दो प्रबंधक , एक रजिस्ट्रार और अकाउंट ऑफिसर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में आईटीएफ टी शिक्षा समूह न्यू चंडीगढ़ के गुलशन शर्मा, आईसीएल ग्रुप ऑफ कॉलेज हरियाणा संस्थान के संजीव प्रभाकर और इसी संस्थान के रजिस्ट्रार जोगिंदर सिंह बताए जा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि अधिकतर आरोपियों को उनके घरों में दबिश देकर गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई की ओर से की गई अब तक की जांच में 266 में से 28 निजी संस्थानों को घोटालों में संलिप्त पाया गया है। इन 28 में से 11 संस्थानों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि 17 संस्थानों के खिलाफ जांच अभी जारी है। गौर हो कि बीते दिनों इस घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई की धीमी जांच को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट नाराजगी जता चुका है।
हाईकोर्ट ने जांच में तेजी लाकर इसे पूरा करने और सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के समक्ष चार्जशीट दाखिल करने के आदेश जारी किए थे। इसके साथ ही सीबीआई को 20 अप्रैल को मामले की ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश भी दिया गया है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ही सीबीआई ने शुक्रवार को इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1 अप्रैल को जिला ऊना के केसी एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी पंडोगा की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 4.42 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी।
आरोप है कि सोसायटी ने एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के पैसों से दो प्लॉट खरीदे और एक भवन का निर्माण किया है। मनी लॉन्ड्रिंग के चलते ईडी मामले की जांच कर रही है।