सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हिमाचल के बागवान , खुला बाजार, खुला व्यापार के तहत मंडियों में हो रही लूट

हिमाचल के सेब बागवान आज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। सेब बेल्ट में ब्लॉक स्तर पर एसडीएम या तहसीलदार दफ्तर के बाहर बागवान धरना दे रहे हैं। डेढ़ दर्जन से ज्यादा डिमांड के साथ बागवान आज एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे। इनकी सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करने

सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हिमाचल के बागवान , खुला बाजार, खुला व्यापार के तहत मंडियों में हो रही लूट
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  06-07-2023

हिमाचल के सेब बागवान आज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। सेब बेल्ट में ब्लॉक स्तर पर एसडीएम या तहसीलदार दफ्तर के बाहर बागवान धरना दे रहे हैं। डेढ़ दर्जन से ज्यादा डिमांड के साथ बागवान आज एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे। इनकी सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करने , मंडियों में बागवानों से धोखाधड़ी रोकने के लिए एपीएमसी , लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट व पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स एक्ट को सख्ती से लागू करने तथा आढ़ती व सरकार के पास बागवानों की बकाया राशि का जल्द भुगतान करने की प्रमुख मांग है। 
 
 
बागवान सेब की 24 किलो की पैकिंग की शर्त का भी विरोध कर रहे हैं। सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि सेब की पैकिंग इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से यानी 20 किलो प्रति पेटी होनी है। इसके लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया जाए। उन्होंने बताया कि आढ़तियों व लदानियों के दबाव में सरकार इसे अनिवार्य करने से बच रही है। 
 
सोहन ठाकुर ने बताया कि मंडियों में बागवानों का शोषण रोकने, सेब ढुलाई का भाड़ा किलो व दूरी के हिसाब से तय करने, सेब की पैकेजिंग सामग्री को जीएसटी से मुक्त करने, अमेरिका के सेब पर आयात 100 प्रतिशत करने व इसे मुक्त व्यापार संधि से बाहर करने और एमआईएस के तहत ए ग्रेड का सेब 80 रुपए खरीदने,‌ ‌बी ग्रेड सेब 60 रुपए और सी ग्रेड का सेब 30 रुपए के हिसाब से खरीदा जाए। 
 
 
सेब उत्पादक संघ ने किसान सहकारी समितियों को सीए स्टोर बनाने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान देने, निजी कंपनियों के स्टोर में एग्रीमेंट के तहत 25% सेब बागवानों का रखने देने, विभिन्न कृषि उपकरणों पर सालों से लंबित सब्सिडी का जल्द भुगतान करने, ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा देने, एपीएमसी के टोल बैरियर पर अवैध वसूली रोकने तथा प्रति पेटी 2 किलो की काट पर रोक लगाने की मांग की। 
 
 
ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि खुला बाजार, खुला व्यापार की नीति से बागवानी आज घाटे का सौदा साबित हो रही है। इसे बचाने के लिए सरकार को प्रयास करने होंगे। ऐसा नहीं किया गया तो राज्य की जीडीपी में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कृषि क्षेत्र संकट में पड़ जाएगा।