सरकारी कर्मचारी को धमकाने और जान से मारने वाले को दो साल की जेल
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 21-March-2020
माईनिग गार्ड पर हमला कर धमकाने के मामले मे रेणुकाजी के बेडोन निवासी को दो वर्ष की साधारण कारावास के साथ 10हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नाहन की अदालत ने मामले की सुनाई के दोरान सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए सीजीएम ने साफ किया की मामला गंभीर है , जिसके चलते इसमें ढील नहीं दी जा सकती ।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नाहन की अदालत ने रेणुकाजी ददाहू मे खनन चोकी के माईनिग गार्ड को सरकारी काम मे बाधा पहुचाते हुए हमला कर जान से मार देने घमकी देने के लिए रेणुकाजी के गॉव बेडोन के रणदीप सिह पुत्र हीरा सिह को आईपीसी की धारा 353 के तहत दो वर्ष की साधारण कारावास की सजा के साथ दस हजार रूप्ए का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।
अदालत मे मुकदमे की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी रूपिन्द्र बैंस ने की है। उन्होने बताया कि दोषी के खिलाफ वर्ष 2018 मे ददाहू माइनिग चैक पोस्ट पर तैनात माईनिग गार्ड लाल सिह ने थाने मे शिकायत पत्र दर्ज किया था जिसमे माइंनिग गार्ड को रेणुकाजी के लठियाणा मे अवैध माईनिग की शिकायते दर्ज करवाई गई थी।
जिसके लिए रात को माइंनिग गार्ड ने क्षेत्र मे दबिष दी। वहीं रात्री को अवैध खनन करते हुए जा रहे लाईम स्टोन से भरे ट्रक को चैकिग के लिए रोका।
जिसके चालक से माईनिग गार्ड ने डब्लूय फार्म दिखाने के लिए कहा मगर वह फार्म को पेश ना कर सका। वहीं माईनिग गार्ड द्वारा चालान किए जाने कीे सुरत मे वाहन मालिक रणदीप सिह ने माईनिग गार्ड लाल सिह को धक्का दे दिया तथा जान से मारने की धमकी देने के साथ नोकरी से निकलवाने की धमकी दी।
जिसके बाद मामला अदालत मे सात साक्ष्यों के आधार पर सिद्व हुआ। इस दोरान सहायक जिला न्यायवादी ने अदालत से दोषी को उसके अपराध के लिए अधिकतम सजा करने की भी अपील की।
जिसमे बचाव पक्ष ने प्रोबेशन आफ ऑफेडर एक्ट की धारा 03 का लाभ दिए जाने की वकालत की। जिसे मुख्य न्यायिक दंडधिकारी नाहन की अदालत ने इसे जधन्य अपराध मानते हुए खारिज कर दिया।
माईनिग माफिया द्वारा सरकारी कर्मचारियों पर हो रहे हमले नही होगे माफ। मुख्य न्यायिक दंड अधिकारी नाहन ने खनन माफियाओं द्वारा सरकारी कर्मचारियों पर दिनो दिन हो रहे हमलों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट केे सियारन बनाम मध्यप्रदेष सरकार1994 के फैसले का हवाला देते हुए दोषियों को ऐसे मामलों मे प्रोबेशन एंव ऑफेडर एक्ट का लाभ देने से इंकार कर दिया है।
वहीं ऐसे मामलों मे दोषी पर सरकारी कर्मचारियों पर हमले के लिए अधिकतम सजा का 02वर्ष का कारावास बरकारार रखी है। जबकि जुर्माना अदा ना करने की सुरत मे सजा तीन माह अतिरिक्त भूगनती होगी।