सराहां में आईटीआई भवन के निर्माण कार्य पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्टे 

सराहां में आईटीआई भवन के निर्माण कार्य पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्टे 

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन  17-03-2021

जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के सराहां आईटीआई भवन के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्टे लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट में ग्राम टिक्कर के वासियों ने आईटीआई भवन को टिक्कर से काहन में शिफ्ट करने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

इसी दौरान भाजपा सरकार ने आईटीआई भवन का काहन में दोबारा से शिलान्यास कर भवन का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था। इन दिनों काहन गांव में आईटीआई भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। कुछ समय पूर्व प्लॉट कटिंग का कार्य पूरा होने के बाद आजकल डग़े तथा पिलर भरने का कार्य चला हुआ है। 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के अधिवक्ता रूपेंद्र पुंडीर ने बताया कि सराहां आइटीआई भवन के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के प्रदेश सरकार को तत्काल कार्य रोकने तथा यथास्थिति को बनाए रखने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही वहां पर पेड़ों की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश भी दिए है। वही प्रदेश सरकार को 1 माह के अंदर लिखित जवाब भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करना होगा। 

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में टिक्कर के ग्रामीणों ने बताया था कि काहन में जहां पर आईटीआई भवन बन रहा है, वहां पर वन विभाग की चीड़ के पेड़ों की प्लांटेशन की गई थी। जिसे की सरकार ने कुछ पेड़ों को काट दिया है तथा आईटीआई निर्माण के लिए जो भूमि की कम से कम पांच बीघा की शर्त थी, उसे भी पूरा नहीं किया गया है।

कांग्रेस सरकार में टिक्कर गांव में बन रहे मॉडल डिग्री कॉलेज के समीप ही आईटीआई भवन को पांच बीघा जमीन ग्रामीणों ने दान दी थी। जिसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा करवाया था। 

इसके बाद जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार आई, तो भाजपा सरकार में पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक तथा वर्तमान में सांसद सुरेश कश्यप ने काहन गांव में आईटीआई का दोबारा से शिलान्यास किया तथा अब वहां पर आईटीआई का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेशों तक स्टे लगा दिया है। 

पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के सराहां डिग्री कॉलेज को लेकर भी कांग्रेस तथा भाजपा सरकारों ने कई बार अधिसूचना रद्द की थी। अंत में जब कांग्रेस पार्टी हाईकोर्ट में पहुंची, तो तब जाकर सराहां में डिग्री कॉलेज शुरू हुआ था। अब यही स्थिति आईटीआई भवन को लेकर भी बनी हुई है।