स्वतंत्रता दिवस पर स्टेट सिविल सर्विसेज अवार्ड से सम्मानित होगें राजगढ़ के निशांत शर्मा
यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़ 08-08-2021
होनहार बिरवान के होत चिकने पात वाली कहावत निशांत शर्मा पर खरी उतरती है जिन्होनें मंडी जिला के गोहर में बतौर खंड विकास अधिकारी पद पर रहते हुए मनरेगा को पर्यटन के साथ जोड़कर एक नई दिशा दी है।
निशांत शर्मा मूलतः राजगढ़ ब्लॉक के पालू गांव के रहने वाले हैं। प्रदेश सरकार द्वारा निशांत शर्मा के उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए इन्हें स्टेट सिविल सर्विसेज अवार्ड देने का निर्णय लिया गया है।
राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर निशांत शर्मा को इस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस अवार्ड की घोषणा के उपंरात राजगढ़ क्षेत्र में खुशी की लहर है और अभिभावकों को बधाई देने वालों को तांता लग रहा है।
बता दें कि निशांत शर्मा 2014 बैच के अधिकारी है । वर्ष 2015 से 2018 तक चौपाल और 2018 से 2021 तक मंडी जिला के गोहर में बतौर खंड विकास अधिकारी के पद पर असीन रहे । वर्तमान में निशांत शर्मा हमीरपुर जिला के सुजानपुन टिहरा में बीडीओ के पद पर कार्यरत है।
निशांत शर्मा के पिता देसराज शर्मा क्षेत्र के जाने माने कारोबारी है और माता सेवानिवृत अध्यापिका है। देसराज शर्मा का कहना है कि निशांत को बचपन से ही अभिनव कार्य करने का शौक था। स्कूल में हमेशा ऑल राउॅंड बेस्ट विद्यार्थी रहने के अतिरिक्त हर कक्षा में अव्वल रहते थे।
निशांत ने दसवीं कक्षा अपने गांव हाब्बन से तथा 12वी ओच्छघाट उतीर्ण की । तदोपरांत बीएससी डिग्री कॉलेज सोलन और लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर उपाधि हिप्र विश्वविद्यालय से की है ।
निशांत शर्मा ने विशेष बातचीत में बताया कि गोहर में 2018 में बतौर बीडीओ का कार्यभार संभालने के उपरांत इन्होने मनरेगा को पर्यटन व कृषि के साथ जोड़कर एक नई दिशा दी । जोकि लोगों कीे आय का साधन बन गई।
मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज के द्वारा गोहर क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य करवाए गए और मिशन अंतोदय में सामने आई खाई को पाटने का प्रयास किया गया।
निशांत शर्मा ने बताया कि मनरेगा कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए सबसे पहले पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया तथा मनरेगा में किए जाने वाले कार्यों की संभावनाएं बताई।
मनरेगा से ही चमौनी नाला में शिवधाम व छोई वाटर फॉल निर्मित किया गया। इन्होने शाला गांव से देव कामरूनाग तक 16 किलोमीटर पक्का मार्ग, वर्षा शालिका, सेल्फी प्वाइंट निर्मित किए गए जिससे कामरूनाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन सुविधाओं मिली।
इसके अतिरिक्त इनके द्वारा ब्लॉक में लाखों की लागत से छोटे पुल, चेक डेम, सोलर लिफ्ट योजनाएं कार्यान्वित की गई। मनरेगा के तहत महिलाओं के सहायता समूहों के लिए भवन इत्यादि कार्य करवा कर क्षेत्र में विकास की इबारत लिखी गई तथा रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए गए।