सावधान : अगर बच्चे भी देर रात तक मोबाइल में रहते हैं बिजी, तो पढ़ लें यह खबर

सावधान : अगर बच्चे भी देर रात तक मोबाइल में रहते हैं बिजी, तो पढ़ लें यह खबर

यंगवार्ता न्यूज़ - नई दिल्ली 14-07-2020

यदि आप उन किशोरों में शामिल हैं, जो रात में समय से नींद के आगोश में जाने की बजाय देर रात तक मोबाइल के स्क्रीन पर आंखें गड़ाए रहते हैं तो आपको थोड़ा सा सचेत होने की जरूरत है।

हाल ही में हुए शोध-अध्ययनों से पता चला है कि जो किशोर बच्चे देर रात तक मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं, आगे चलकर उन्हें कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कनाडाई शोधकर्ताओं का कहना है कि हमने इस शोध-अध्ययन के लिए एक हजार से अधिक किशोरों से बातचीत की। इससे पता चला कि जो किशोर देर रात तक मोबाइल में नजर टिकाए रहते हैं उन्हें कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

शोध-अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल में व्यस्त रहने के कारण देर रात तक जगने वाले और सुबह देर तक सोने वाल किशोरों को न केवल आंखों और पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि ऐसे किशोर मानसिक रूप से भी पीडि़त रहने लगते हैं।

कनाडाई वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि किशोर उम्र के बच्चे यह चाहते हैं कि उनका स्वास्थ्य सही रहे और आगे चलकर किसी गंभीर शारीरिक समस्या का सामना न करना पड़े तो उन्हें न केवल समय से सोने की आदत डालनी चाहिए, बल्कि सोने से कम से कम दो-तीन घंटे पहले रात का भोजन भी कर लेना चाहिए।

अध्ययनों से पता चला है कि देर रात तक जगने वाले किशोरों की बॉडी क्लॉक बहुत अधिक बाधित होती है अर्थात उनके शरीर के समस्त अंग सही तरह से अपना काम नहीं कर पाते हैं। इस कारण से किशोरों का इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है।

नतीजतन उनके विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं से ग्रसित होने की आशंका काफी हद तक बढ़ जाती है। यही नहीं मोबाइल, टैबलेट, आईपैड आदि से निकलने वाली नीली रोशनी न केवल आंखों की नमी को कम करती है, बल्कि यह दिमाग के कुछ हिस्सों पर भी विपरीत प्रभाव डालती है। इसलिए यह जरूरी है कि देर रात तक जगने की बजाय समय से बिस्तर पर जाएं और अपने को स्वस्थ व प्रसन्न रखें।


कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय के दिशा-निर्देशानुसार सोलन जिला में वर्तमान में 3135 व्यक्तियों को निगरानी में रखा गया है। यह जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. गुप्ता ने दी।

डाॅ. गुप्ता ने कहा कि इन 3135 व्यक्तियों में से 2530 व्यक्तियों को होम क्वारेन्टीन किया गया है।

इनमें से 1849 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्हें अन्य राज्योें से जिला में आने के उपरान्त होम क्वारेन्टीन किया गया है। 681 अन्य व्यक्ति होम क्वारेन्टीन हैं। 450 व्यक्ति संस्थागत क्वारेन्टीन में हैं।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि जिला में अभी तक 15004 व्यक्ति 14 दिन की निगरानी अवधि पूर्ण कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि जिला में अभी तक कुल 18139 व्यक्तियों को निगरानी में रखा जा चुका है। 04 व्यक्तियों को आईसोलेशन में रखा गया है।

इनमें से क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 01, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नालागढ़ में 02 तथा एमएमयू कुम्मारहट्टी में 01 व्यक्ति को आईसोलेशन में रखा गया है।

उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पालन करें और दो व्यक्तियों के मध्य कम से कम दो गज की दूरी बनाए रखें।