यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 16-08-2022
हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता के चलते राज्य के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं जिसके चलते राज्य के अधिकतर बांधों से पानी गेट खोल दिए गए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सुदेश मोक्टा ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने बताया प्रदेश में छोटे-बड़े 21 बांध हैं और इनमें से 19 बांधों में जलस्तर बढ़ा हुआ है। ऐसे में इन बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है। जिसके चलते लोगों से नदी नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। पंडोह बांध से सबसे ज्यादा 23335 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि लारजी बांध से पांच क्यूसेक पानी की निकासी की गई है।
भाखड़ा बांध से 19131 क्यूसेक, चमेरा-1 बांध से 11535 क्यूसेक, कड़छम से 13101 क्यूसेक, चमेरा-2 से 5902 क्यूसेक, चमेरा-3 से 6509 क्यूसेक, पौंग बांध से 6828 क्यूसेक, कौल बांध से 1800, नाथपा से 1068, बजोली होली से 1624, कुप्पा बेरज से 1094, बुधिल से 110, मलाणा-1 से 23, मलाणा-2 से 25, अलैन बैरेज से 32, नियोगल बैरेज से 1800, जाटोन बैरेज से 221 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
राज्य में वर्षा जनित हादसों में सोमवार को सात लोगों की जान गई है। इसके अलावा भूस्खलन से 100 सड़कें, 66 ट्रांसफार्मर और 14 पेयजल परियोजनाएं ठप रहीं। वहीं 10 घर और छह पशुशालाएं भी बह हैं।
गत दिवस चम्बा जिला में 51, कुल्लू में 31, मंडी में आठ, सोलन में छह, लाहौल-स्पीति में तीन और कांगड़ा में एक सड़क बंद रही। कुल्लू में 35, मंडी में 30 और चम्बा में एक ट्रांसफार्मर बाधित रहे। चम्बा में 14 पेयजल परियोजनाएं पूरी तरह बंद हैं।
मौसम विभाग ने आगामी 19 अगस्त तक प्रदेश में मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है। इस दौरान भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। गौरतलब है कि बरसात जनित घटनाओं में अब तक राज्य में 200 लोगों की मौत हो चुकी है और 377 घायल हुए हैं। मानसून की बरसात से करीब एक हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है।