अंकिता नेगी - पांवटा साहिब 14-07-2022
भले ही सरकार द्वारा नगर परिषद पावंटा को करोड़ों का बजट दिया हो लेकिन शहर का आलम यह है कि हल्की बारिश में ही नगर की सड़कें तालाब बन जाती है। ऐसा ही नजारा बुधवार को दिखा जब पूरा पांवटा शहर पानी-पानी नजर आया।
या यूँ कहे कि पांवटा की सड़कों पर इंसान तैरना सिख सकता है। मौसम विभाग की और से जहाँ आगामी 15 जुलाई तक बारिश का अलर्ट जारी किया है। तो वहीं पावंटा शहर की नालियों का गंदा पानी मुख्य बाजार की सड़कों पर दिखाई दिया, जिसमें व्यापरियों सहित आम लोगों में नगर परिषद के लिए रोष दिखाई दिया।
एक और पावंटा शहर की सुंदरता को चार चाँद लगाने के लिए नगर नगर परिषद खूब मेहनत कर रही है, दूसरी और सड़के और गलियों में खचा खच पानी भरा हुआ है। मुख्य बाजार की सड़कों पर नालियों का गंदा पानी बह रहा है,जो कई कई बीमारियों को न्यौता दे रहा है।
हालांकि पांवटा शहर को पानी से बचाने के लिए नगर परिषद का दावा बुधवार को फेल हो गया। या यूं कहे कि नगर परिषद की नालियों की सफाई अब सिर्फ अखबार और वेब पोर्टल में चमकाने के लिए की जा रही है।
शहर के नालों की सफाई पर लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन मानसून की बारिश में सफाई के इंतजाम की पोल खुल गई। सड़कें डूब गई और कई घरों में पानी चला गया। गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य रास्तों में पानी भर गया।
वाहन चालकों को परेशानी हुई, आवाजाही करने वाले लोग छी छी कर भी पैदल चलने पर विवश थे। शहर में तेज बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए। गंदगी से चोक नालियों के चलते मुख्य मार्गो से लेकर गली-मोहल्लों में जलभराव हो गया।
सबसे बुरा हाल शहर के पुराने इलाकों में रहा, इनमें सड़कों पर एक फीट पानी भरा रहा। ऐतिहासिक गुरुद्वारा के समीप वीआईपी सड़क , अग्रसेन चौक पर नेशनल हाईवे बद्रीपुर चौक से लेकर तारूवाला तक बस स्टैंड सहित मुख्य बाजार के साथ लगते कई वार्डो में गलियों का बुरा हाल रहा।
पांवटा साहिब से वार्ड 8 , 9 , 10 से लोगों का कहना है की गलियों और घरों में तक पानी घुस रहा है। ऐसे में क्या किया जाए, बारिश से सड़कों पर पानी इकट्ठा हो गया है। पैदल चल रहे राहगीरों को सड़कों पर सफर करना आफत सा बन गया है, गलियाँ मानों स्विमिंग पुल बन गए हो।
कुछ लोगों का यह भी कहना है की नगर परिषद में भ्र्ष्टाचार व्याप्त है, ड्रेनेज सिस्टम की कोई व्यवस्था नही है। नालियों में दुकानदारों के द्वारा सुबह सफाई करते वक्त कूड़ा डाला जाता है।
नालियों को ऊपर से बंद किया गया है, पता नही लगता है की कहाँ नालियां हैँ, जिसकी वजह से सफाई करने में भी समस्या आ रही है। अब देखना यह होगा क्या नगर परिषद, गलियों में जलभराव की समस्या सुलझाएगा या फिर सड़के यूं ही स्विमिंग पुल बनकर लोगों का स्वागत करेगी।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने मोके पर निरिक्षण कर अधिकारीयों को नर्देश दिए पानी की निकासी की उचित व्यवस्था का प्रबंध किया जाये।