हाटी समिति और क्षेत्र की जनता के संघर्ष के चलते मिलेगा गिरिपार को अपना हक : प्रदीप चौहान 

सिरमौर जिला के मजदूर नेता प्रदीप चौहान का कहना है कि यदि गिरिपार क्षेत्र जनजातीय घोषित होता है तो यह क्षेत्र की जनता और हाटी समिति के दशकों के संघर्ष का परिणाम होगा।

हाटी समिति और क्षेत्र की जनता के संघर्ष के चलते मिलेगा गिरिपार को अपना हक : प्रदीप चौहान 

अंकिता नेगी - पांवटा साहिब  27-04-2022

सिरमौर जिला के मजदूर नेता प्रदीप चौहान का कहना है कि यदि गिरिपार क्षेत्र जनजातीय घोषित होता है तो यह क्षेत्र की जनता और हाटी समिति के दशकों के संघर्ष का परिणाम होगा। कुछ नेता बेवजह इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं , लेकिन जनता जानती है कि यह महाखुमलियों और जनता के सब्र के टूटते बांध के कारण होगा। 
 
 
पांवटा साहिब में जारी प्रेस बयान में मजदूर नेता ने कहा कि जनजातीय दर्जे की मांग अगर पूरी होती है तो वह भी उसका स्वागत करते है। लेकिन यदि ये विधानसभा चुनाव सिर पर होने के चलते सिर्फ लॉलीपॉप दिया जा रहा हो तो कतई गिरीपार के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब के विधायक व प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। परंतु उनके विधानसभा क्षेत्र के गिरिपार की सात पंचायतें आज भी विकास के तरस रही है। इन पंचायतों को भी ट्राईबल एरिया घोषित किया जा सकता था ताकि यहां के विकास को चार चांद लग सकते थे।
 
 
 परंतु बड़ी विडंबना का विषय है कि मंत्री विकास नहीं चाहते, लोगों को बस गुमराह करना चाहते हैं। मौजूदा समय में पांवटा साहिब में भ्रष्टाचार, खनन माफिया, युवा बेरोजगार जैसे कई ऐसे मुद्दे हैं जो लोगों के लिए परेशानी बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि गिरिपार को यदि जनजाति दर्जे की मांग पूरी हुई है तो इसका पूरा श्रेय क्षेत्र के लोगों और केंद्रीय हाटी समिति को जाता है जिन्होंने दिन रात मेहनत की है। 
 
सवा तीन लाख लोग के दिन रात संघर्ष और खूमलियों की वजह से प्रदेश और केंद्र सरकार जागी है। अब सिर्फ नेता इसका श्रेय लेना चाहते हैं जबकि मेहनत किसी और ने की और मलाई कोई और खाना चाह रहा है।